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कौन हैं 'टॉमबॉय' शेफाली वर्मा, जिन्होंने 15 साल की उम्र में टी-20 डेब्यू करके रचा इतिहास

नई दिल्ली: भारत और दक्षिण अफ्रीका की महिला टीमों के बीच सूरत में टी-20 सीरीज का पहला मैच खेला गया। पांच मैचों की इस सीरीज का पहला मैच भारत ने 11 रनों से जीत लिया है और इस मैच में भारतीय महिला क्रिकेटर शेफाली वर्मा ने सबसे कम उम्र में टी-20 क्रिकेट डेब्यू करके रिकॉर्ड बना दिया है। शेफाली ने जैसे ही सूरत के लालाबाई स्टेडियम में कदम ऱखा वैसे ही वे भारत के लिए टी-20 इंटरनेशनल मैचों में डेब्यू करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं। शेफाली की उम्र केवल 15 साल है। हालांकि, शेफाली के लिए यह मैच यादगार नहीं रहा और वे शून्य पर ही आउट हो गईं लेकिन उनकी पॉवर हिटिंग क्षमता को देखते हुए उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट का अगला सुपरस्टार माना जा रहा है।

मिताली का संन्यास, शेफाली की एंट्री

मिताली का संन्यास, शेफाली की एंट्री

इतना ही नहीं, शेफाली गार्गी बेनर्जी के बाद भारत के लिए सबसे कम उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाली दूसरी सबसे युवा खिलाड़ी भी बन गईं। शेफाली की उम्र महज 15 साल 239 दिन है। उनसे पहले साल 1978 में गार्गी बनर्जी ने 14 साल 165 दिन की उम्र में वनडे डेब्यू किया था। शेफाली ने इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर का भी रिकॉर्ड बड़े मार्जिन से तोड़ दिया है जिन्होंने 16 साल 6 महीने और 23 दिन की उम्र में अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया था। पिछले दिनों भारतीय महिला टी20 टीम में मिताली राज के संन्यास लेने के बाद भारतीय महिला टी20 टीम में अधिक युवा खिलाड़ियों के लिए एंट्री का रास्ता बन गया था और इस रास्ते से एक ऐसी ही युवा खिलाड़ी शेफाली वर्मा की एंट्री हुई थी।

बचपन से ही लड़कों के साथ ली ट्रेनिंग-

बचपन से ही लड़कों के साथ ली ट्रेनिंग-

हरियाणा की शेफाली को उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है और उन्होंने टी-20 चैलेंज में अच्छा प्रदर्शन किया था जिसके आधार पर उनको भारतीय टीम में जगह दी गई है। शेफाली का टीम इंडिया तक पहुंचने का सफर प्रेरणादायक रहा है। टॉमबॉय अंदाज में रहने वाली शेफाली हरियाणा के रोहतक जिले में लोकल लड़को के साथ तब से ट्रेनिंग किया करती थीं जब उनकी उम्र महज 10 साल थी। एक ऐसे क्षेत्र में जहां पर लड़कियों का आउटडोर स्पोर्ट्स में भाग लेना आसान नहीं था वहां शेफाली ने भारत के लिए खेल खेलने का सपना देखा था जो साकार भी हुआ। अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए शेफाली ने बताया था, 'शुरुआती स्तर पर लड़कों के खिलाफ खेलने में संघर्ष करना पड़ा। मुझे अक्सर हेलमेट पर गेंद हिट होती है। कुछ मौकों पर तो इसकी ग्रिल भी टूट गई थी लेकिन मैदान छोड़ने का कोई सवाल नहीं था।'

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सचिन तेंदुलकर को देखकर बनी क्रिकेटर-

सचिन तेंदुलकर को देखकर बनी क्रिकेटर-

शेफाली का मानना है कि उनके विपक्षियों ने भी कभी उनको लड़की की तरह से समझकर आसान गेंदें नहीं फेंकी और मुश्किल परिस्थितियों में खेलने की वजह से ही उनके अंदर एक हार्ड हिटिंग बल्लेबाज का जन्म हुआ। इस दौरान शेफाली को अपने ज्वैलर पिता का भी साथ मिला जिनके बारे में बात करते हुए वे बताती हैं- 'मैं लकी हूं कि मेरी परवरिश अन्य लड़कियों की तुलना में अलग तरीके से हुई। कई लोगों लड़कियों को लड़कों के साथ आउटडोर स्पोर्ट्स के लिए भेजने में कतराते थे लेकिन पिता का सहयोग मिला जिन्होंने मेरे बड़े भाई की तरह से मुझे सब सुविधा दी।' शेफाली के ऊपर भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का भी बड़ा प्रभाव है। शेफाली एक बार सचिन का रणजी मैच देखने के लिए पहुंची थी, यह मैच हरियाणा में ही हो रहा था। तब सचिन के प्रभाव को देखकर वह काफी प्रभावित हुईं थी।

Story first published: Wednesday, September 25, 2019, 7:26 [IST]
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