भारत की सबसे करीबी टेस्ट जीत
एडिलेड मैच टेस्ट मैचों के नजरिए से भी खासा रोमांचक साबित हुआ। पांचवे दिन के लगभग तीसरे सत्र तक चलने वाले इस मैच में भारत को 31 रनों की करीबी जीत मिली। इसके साथ ही इस मैच में भारत को अब तक की सबसे करीबी तीसरी जीत हासिल हुई है। भारत को टेस्ट इतिहास में अब तक की सबसे करीबी जीत ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ मुंबई में मिली थी। तब भारत ने 2004 में 13 रनों से कंगारूओं से यह टेस्ट मैच जीता था। दूसरी सबसे करीबी जीत भारत को 1972-73 में कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ मिली। तब जीत का अंतर 28 रन था। टॉप 5 में बाकी की दो करीबी जीत इस तरह से हैं-
2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में 37 रन की जीत।
2006 में किंग्स्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ 49 रनों की जीत।
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अश्विन की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी
इस मैच में भारत के स्टार स्पिनर अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में अपनी अब तक की बेस्ट गेंदबाजी की। उन्होंने मैच में 150 रन देकर 6 विकेट लिए। इससे पहले कंगारूओं की जमीन पर उनका पुराना बेस्ट रिकॉर्ड 209 रन पर 5 विकेट था जो उन्होंने 2014 में मेलबर्न में लिए थे।
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'SENA' में भारत को मिली पहली टेस्ट जीत
यह भारत को 'SENA के खिलाफ मिली कुल छठी विदेशी टेस्ट जीत थी, जिसमें भारत को पहले ही मैच में जीत मिली। (S- South Africa, E- England, N- New Zealand, A- Australia)
इससे पहले भारत ने न्यूजीलेंड के 1967-68 के दौरे पर डुनेडिन में पहला ही टेस्ट जीतकर सीरीज का विजयी आगाज किया था। भारत वह सीरीज 3-1 से जीतने में भी कामयाब रहा था। उसके बाद न्यूजीलैंड में ही ऑकलैंड में भारत ने 1975/76 में मैच जीता। यह सीरीज 1-1 से बराबर रही। 1986 में लॉर्ड्स टेस्ट में भारत ने पहला मैच जीता और 2-0 से इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जीतने में सफलता हासिल की। इसके अलावा 2006-07 में भारत दक्षिण अफ्रीका में जोहान्सबर्ग में पहला टेस्ट जीतकर भी सीरीज 1-2 से हार गया था। 2008-9 में भारत हैंमिल्टन में पहला मैच जीतकर 1-0 से सीरीज जीता था। अब भारत ने 2018-19 में एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज की शुरूआत जीत से की है। इस तरह से यह भारत की विदेशों में केवल छठी जीत है जो पहले ही मैच में मिली।
भारत बनी दूसरी एशियाई टीम
भारत ऑस्ट्रेलिया में पहला टेस्ट जीतने वाली दूसरी एशियाई टीम बन गई है। भारत से पहले पाकिस्तान मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया को पहले ही मैच में हरा चुका है। पाकिस्तान ने तब 1978-79 के दौरे में यह जीत हासिल की थी और यह सीरीज 1-1 से बराबर रही थी।
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एशिया के बाहर सबसे ज्यादा जीत
ये केवल दूसरा ऐसा मौका है जब भारत ने क्रिकेट के एक कैलेंडर वर्ष में एशिया के बाहर सबसे ज्यादा टेस्ट जीत दर्ज की। इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने 1968 में 3 टेस्ट में जीत हासिल की थी। इस बार एक कैलेंडर वर्ष में भारत 3 जीत हासिल कर इस रिकॉर्ड की बराबरी कर चुका है। ये दो जीत भारत को क्रमशः दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ हासिल हुई।
पुजारा का बेहद खास रिकॉर्ड
भारत ने इस साल जो भी तीन टेस्ट मैच जीते, उसमें चेतेश्वर पुजारा ने हर पारी में 50 या उससे ज्यादा रन बनाए। जोहांसबर्ग में पुजारा ने 50 और 179 रनों की पारी खेली, फिर ट्रेंट ब्रिज में 72 और 208 रनों की, और अब एडिलेड में 123 और 71 रनों की पारी खेली। इस तरह से पुजारा की एशिया से बाहर की पिचों पर अहमियत साफ समझी जा सकती है।
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टॉस के बॉस कोहली
कोहली टॉस के बॉस हैं। 20 टेस्ट मैचों के आंकड़ों में कोहली ने जब टॉस जीता तो उनको 17 बार जीत हासिल हुई और केवल 3 मैच ही ड्रा हुए। जबकी हार एक में भी नहीं मिली। इससे पता चलता है कोहली टॉस जीतते ही आधा मैच तो वैसे ही जीत लेते हैं। विदेशों में खेल गए 8 टेस्ट मैचों में कोहली के 7 टॉस जीत के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो उन्होंने इन 7 टॉस जीत में 6 में जीत दर्ज की और केवल एक मैच ही ड्रा हुआ जो 2015 में बांग्लादेश के खिलाफ खेला गया था। टॉस जीतकर सबसे ज्यादा जीत दर्ज करने वाले टेस्ट कप्तानों में कोहली के बाद महान डॉन ब्रेडमैन का नंबर आता है जिन्होंने दस टेस्टों में टॉस जीतने के बाद 9 में जीत दर्ज की और एक में उनको हार मिली।
50 रनों की भागेदारी के बिना सर्वोच्च रन
इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 291 रन बनाए और इस पूरी पारी के दौरान एक भी अर्धशतकीय साझेदारी नहीं हुई। यह 50 रनों की साझेदारी के बिना बना अब तक का सबसे ज्यादा स्कोर है, जो किसी एक टेस्ट पारी में बना है। इससे पहले बांग्लादेश ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 284 रन बनाए थे (2004)। तीसरे नंबर पर एक बार फिर से ऑस्ट्रेलिया है जिसने 1952 में इंग्लैड के खिलाफ ब्रिसबेन में 277 रन बनाए थे। जबकी 1988 में वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में बिना कोई 50 रनों की भागेदारी किए बिना ही 275 रन बनाए थे।
घर में पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया की तीसरी हार
एडिलेड के अलावा इससे पहले कंगारूओं को अपनी जमीन पर 2016-17 में दक्षिण अफ्रीका से पहले ही टेस्ट मैच में पटखनी मिली थी। यह मैच पर्थ में खेला गया था। जबकी तीसरी बार वेस्टइंडीज ने कंगारूओं को ब्रिसबेन में 1988-89 में हराया था।
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एक टेस्ट में सबसे ज्यादा कैच
एक ही टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा कैच लेने का रिकॉर्ड भी एडिलेड के नाम हो गया। यह टेस्ट इस मामले में टॉप तीन में शामिल हो गया है। इसमें पहले नंबर पर दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच केपटाउन में खेला गया पहला टेस्ट है जिसमें कुल 34 बल्लेबाज कैच आउट हुए थे। जबकी एडिलेड 34 कैच आउट के साथ इस मामले में दूसरे नंबर का टेस्ट बना। तीसरे नंबर पर भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच का मैच है जो 1992 में पर्थ में खेला गया था।