विजय हजारे ट्रॉफी से चमका नाम
लेग स्पिनर बर्मन ने विजय हजारे ट्रॉफी में बंगाल के लिए 9 मैचों में 11 विकेट झटके थे। 4.45 की अच्छी इकॉनमी के साथ गेंदबाजी करने के अलावा वह अपनी टीम की ओर से इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे। इसके बाद आईपीएल टैलेंट स्कॉउट की नजर उन पर पड़ी। विजय हजारे टूर्नामेंट के अलावा कोई और टूर्नामेंट अब तक नहीं खेलने वाले इस गेंदबाज का नाम मौजूदा रणजी ट्रॉफी में भी है। उन्होंने यकीन है कि वे गेंद के अलावा बल्ले से भी टीम के लिए योगदान दे सकते हैं।
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आरसीबी ने किया प्रतिभा का सम्मान
प्रयास की बेहतरीन प्रतिभा के चलते आरसीबी ने ना केवल उन पर बड़ा दांव लगाया है, बल्कि वे इस खिलाड़ी को शामिल करके खासे उत्साहित भी है। आरसीबी ने घोषणा करते हुए कहा, "प्रयास रे बर्मन बोल्ड हैं। 16 साल का यह प्रतिभाशाली लेग स्पिनर पहले से ही अपनी राज्य की टीम बंगाल की ओर से कमाल कर रहा है। वह आरसीबी में 1.5 करोड़ रुपये के साथ शामिल होते हैं।"
भारत का अगला अनिल कुंबले!
अपने इतने महंगे चयन पर खुद यकीन ना करने वाले प्रयास ने आरसीबी की ओर से खेलने को लेकर कहते हैं, 'भारत के सभी युवाओं की तरह विराट मेरे भी रोल मॉडल है। उनके साथ एक फोटो लेना भी अब तक मेरा सपना था, लेकिन अब मैं उनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने जा रहा हूं। ये एकदम अविश्वनीय है।' 6 फिट 1 इंच लंबा ये गेंदबाज गेंद को बहुत ज्यादा घुमाने वाला स्पिनर नहीं है, लेकिन वे हवा में गति परिवर्तन करने और सही दिशा में गेंद फेंकने पर ज्यादा भरोसा करते हैं। भारत के महान लेग स्पिनर अनिल कुंबले ऐसी ही गेंदबाजी करते थे। इस बार में बात करते हुए उन्होंने बताया, 'कुछ साल पहले मेरी लंबाई ज्यादा नहीं थी। दो साल से मेरी लंबाई तेजी से बढ़ी है और तब से काफी लोग कह रहे हैं कि मैं अनिल कुंबले के अंदाज में गेंदबाजी करता हूं।'
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पिता का बड़ा योगदान
हालांकि अभी रणजी ट्रॉफी में अपनी चुनौती को स्वीकारते हुए प्रयास कहते हैं कि मुझे लगता है अभी मुझे रणजी ट्रॉफी के लिए लंबा सफर तय करना है। रणजी ट्रॉफी एकदम अलग किस्म का बॉल गेम है। वैसे मैं अंतिम 15 खिलाड़ियों में शामिल था और इस दौरान मैंने कप्तान मनोज तिवारी और कोच साइराज बहुतुले से काफी कुछ सीखा है। प्रयास ने अपने पिता के भी योगदान को बताते हुए कहा कि मेरे पिता ने पढ़ाई के साथ मुझे खेलने की पूरी आजादी दी। मेरी बहन एक आईटी प्रोफेशनल है, जबकी मैंने क्रिकेट को चुना। इसमें मेरे पिता ने कभी कोई रोकटोक नहीं की। प्रयास के पिता डॉ कौशिक रे बर्मन ने इस दौरान उनको सलाह देते हुए कहा है कि उसकी लक्ष्य अपने देश के लिए खेलने पर होना चाहिए।