मिताली ने दी धमकी
पवार ने मिताली के व्यवहार पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि 'मिताली वर्ल्ड टी-20 से खुद को अलग करने और रिटायरमेंट की धमकी देने लगीं और कहा कि अगर उन्हें टीम में ओपनिंग करने नहीं दिया जाएगा तो वो नहीं खेलेंगी ' उन्होंने कहा कि 'मिताली जो कि अभी भी ODI की कप्तान हैं उन्हें इस तरह कोच को ब्लैकमेल कर दबाव नहीं बनाना चाहिए और टीम के हितों के आगे अपने हित नहीं रखना चाहिए ' यह सनसीखेज खुलासा उस रिपोर्ट का हिस्सा हैं जो मिताली राज के उन्हें 'कोच द्वारा अपमानित' करने के आरोप के बाद पवार ने अपनी फाइनल रिपोर्ट में जोहरी और करीम को ईमेल के माध्यम से सौंपी है।
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'टीम के बेहतर भविष्य के लिए सोचें मिताली'
पवार ने अपने जुलाई में तुषार अरोठे की जगह भारतीय टीम के अंतरिम कोच का पदभार संभाला था, उन्होंने मिताली के लगाए आरोपों पर कहा कि "वो कोचिंग स्टाफ को अपने तरीके और अपनी सुविधा के हिसाब से चलाना चाहती हैं। ईमेल के जरिए भेजे गए रिपोर्ट में पवार ने लिखा कि मैं आशा करता हूं कि मिताली कोच को ब्लैकमेल करना और उन पर दबाव बनाना छोड़ देंगी। मैं उनसे यह भी उम्मीद रखता हूँ कि खुद के हितों की बजाय वो टीम के हित को प्राथमिकता देंगी। पवार ने आगे लिखा कि वो भारतीय महिला क्रिकेट के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस टीम के हित और उसकी बेहतरी के बारे में सोचेंगी' .
ग्रुप मैच में मिताली ने दी पहली धमकी
मिताली राज को उस ग्रुप का हिस्सा माना जाता है जिनके कहने पर इसी साल जून महीने में अरोठे को भारतीय महिला टीम का कोच पद छोड़ना पड़ा था। पवार के मुताबिक राज ने सबसे पहले महिला टी-20 विश्व कप के ग्रुप मैच के दौरान ही पहली धमकी दी थी जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ बल्लेबाजी न करने और घर लौटने की धमकी दी थी। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ भी उस मैच में बल्लेबाजी नहीं की थी जब भारतीय टीम ने टी-20 विश्व कप में अपना सर्वाधिक रन स्कोर किया था। उन्हें इस मैच में यह बता दिया गया था कि वो ओपनिंग नहीं बल्कि मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी कर पाएंगी।
क्यों मिडिल ऑर्डर में किया पुश
पवार ने उन्हें मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने की वजह भी बताई थी। पवार के द्वारा शामिल रिपोर्ट के मुताबिक 'धीमी पिच पर मिताली प्रैक्टिस गेम में तेज रन बनाने में विफल रहीं थी इसलिए उन्हें पहले ही यह बता दिया गया था उन्हें ओपनर की जगह नहीं मिलेगी। उनके सीमित क्षमता और फिटनेस की वजह से उन्हें ओपनिंग की जगह टीम के मध्यम क्रम में बल्लेबाजी करने को कहा गया क्योंकि तेज रन बनाने के इंटेंट में वो सफल नहीं हो पा रहीं थी।
मिताली के रवैए पर पवार का खुलासा
पवार के किए खुलासे भी उतने ही सनसनीखेज और चौंकाने वाले हैं जितने मिताली राज के थे। इसके बाद मिताली की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एक अंग्रेजी वेबसाइट को पवार के मेल से मिली जानकारी के मुताबिक पवार ने मिताली में टीम भावना की कमी होना बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक मिताली टीम मीटिंग में न के बराबर अपने सुझाव देती थी, टी-20 विश्व कप में टेबल टॉपर होने के बावजूद उन्होंने किसी भी खिलाड़ी या कोच के लिए प्रशंसा के एक भी शब्द नहीं कहे। पवार ने आगे लिखा कि 'मिताली न तो टीम प्लान के मुताबिक खुद को ढालती थी और न ही इसे समझने की कोशिश करती थीं। उन्होंने टीम के लिए अपनी भूमिका को नकारते हुए सिर्फ अपने रिकॉर्ड के लिए खेलती रहीं'। पवार के मुताबिक धीमी पिचों पर और स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ तेज रन बनाना मुश्किल हो रहा था इसलिए बल्लेबाजों को कहा गया था कि पॉवरप्ले में अधिक रन बनाने की कोशिश की जाए जब तक गेंदें नई है क्योंकि गेंद पुरानी होने के बाद तेज रन बना पाना मुश्किल हो रहा था'। हालांकि आपको बता दें कि महिला टीम के अंतरिम कोच रमेश पवार का कार्यकाल इसी शुक्रवार को समाप्त हो रहा है।
क्या हैं विवाद और आरोप
विंडीज में आयोजित महिला टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में पिछले सप्ताह भारतीय टीम की टी-20 में सबसे अधिक रन बनाने वाली महिला खिलाड़ी को शामिल न किए जाने के बाद यह मामला तूल पकड़ चुका है। मैच के बाद पूछे गए सवाल में कप्तान हरमनप्रीत ने मिताली को बाहर बिठाने के फैसले को टीम और उसके हित में लिया गया फैसला बताया था वहीं मिताली ने भी इस बात से इंकार किया था कि उनकी हरमनप्रीत से किसी भी तरह का कोई विरोध या बैर है लेकिन विंडीज से भारत लौटने के बाद उन्होंने BCCI को लिखे खत में पवार पर अपमानित करने का आरोप लगाया था और कहा था कि पावर में बैठे कुछ लोग उनका करियर बर्बाद करना चाहते हैं।