पुछल्ले बल्लेबाज बनें भारत के लिये बड़ा सिरदर्द
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे इस मैच में भारतीय टीम के लिये पुछल्ले क्रम पर खेलने वाले बड़ा सिरदर्द साबित हो रहे हैं। यह सिर्फ विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को आउट करने का मामला नहीं बल्कि अपनी टीम के बल्लेबाजों से रन न बनना भी परेशानी की बड़ी वजह बना हुआ है।
पहली पारी में भारतीय टीम ने 188 रन पर अपने 3 विकेट खो दिये थे लेकिन इसके बाद भारतीय टीम ने महज 56 रन के अंदर अपने 7 विकेट खो दिये। इतना ही नहीं दूसरे दिन जब भारतीय टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो वह सिर्फ 11 रन ही जोड़ सकी और अपने 4 विकेट खो दिये।
वहीं गेंदबाजी की बात करें तो ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 111 रन पर अपने 7 विकेट खो दिये थे और ऐसा लग रहा था कि भारत करीब 100 रन से ज्यादा की बढ़त हासिल करेगा, लेकिन भारतीय गेंदबाज एक बार फिर पुछल्ले बल्लेबाजों का विकेट जल्दी लेने में नाकाम रहे और ऑस्ट्रेलिया के लिये आखिरी 3 विकेट ने 80 रन जोड़े और भारतीय टीम जो कि एक बड़ी बढ़त हासिल कर सकती थी उसकी पकड़ को कमजोर किया।
नहीं बदल रही कैच छोड़ने की आदत
भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब फील्डिंग का क्रम लगातार जारी है। दूसरे दिन जब भारतीय टीम फील्डिंग कर रही थी तो उसने एक दो नहीं बल्कि 4 बार कैच छोड़ने का काम किया। इस दौरान भारतीय टीम ने दो बार लाबुशेन को, एक बार टिम पेन को तो वहीं पर एक बार मिशेल स्टार्क को जीवनदान दिया। उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम को इन खिलाड़ियों का कैच छोड़ना काफी भारी पड़ा और सभी खिलाड़ियों ने अहम पारियां खेलकर भारत को मैच पर शिकंजा कसने में नाकाम किया।
मार्नस लाबुशेन का पहला कैच 12 रन पर बुमराह के हाथों से छूटा तो वहीं 22 रन पर पृथ्वी शॉ ने बेहद आसान कैच छोड़ा। इसके चलते उन्होंने 47 रनों की पारी खेली और अंत में LBW होकर वापस पवेलियन लौटे।
वहीं 26 रन के स्कोर पर जब टिम पेन खेल रहे थे तो डीप मिड विकेट पर खड़े मयंक अग्रवाल ने उनका कैच छोड़ा, नतीजा यह हुआ कि वो पारी के अंत तक आउट नहीं हुए और नाबाद 73 रन बनाकर वापस पवेलियन लौटे। वहीं मिशेल स्टार्क भी 12 रन के स्कोर पर साहा के हाथों ड्रॉप हुए और 15 रन बनाकर रन आउट हुए।
पृथ्वी शॉ की लापरवाही से मुश्किल में भारतीय टीम
भारतीय टीम के लिये कप्तान विराट कोहली ने एडिलेड में खेले जा रहे इस मैच में इन फॉर्म बल्लेबाज शुबमन गिल के ऊपर पृथ्वी शॉ पर भरोसा जताते हुए प्लेइंग 11 में मौका दिया, हालांकि वो इस पर खरा नहीं उतरे हैं और अब वो दूसरे टेस्ट मैच में बाहर भी बिठाये जा सकते हैं। पहली पारी में खाता खोल न पाने वाले पृथ्वी शॉ दूसरी पारी में भी कुछ खास नहीं कर सके और 4 रन बनाकर पहली पारी के अंंदाज में बोल्ड होकर वापस पवेलियन लौटे।
दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम को महज 6 ओवर तक ही खेलना था और भारतीय टीम इस दौरान कोई विकेट नहीं गंवाना चाहती थी, हालांकि शॉ अपनी विकेट बचा नहीं पाये और जिस तरह से पहली पारी में बोल्ड हुए थे ठीक उसी तरह से पृथ्वी एक बार फिर स्टार्क की गेंद पर बोल्ड होकर पवेलियन लौटे। नतीजन विराट कोहली ने जसप्रीत बुमराह को नाइट वॉचमैन के रूप में बैटिंग करने भेजा।