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'मुझे निराशा है, अफसोस नहीं', करियर में एक भी ICC खिताब न जीतने पर बोले रवि शास्त्री

नई दिल्ली। यूएई में खेले गये टी20 विश्वकप में भारतीय टीम का सफर खत्म होने के साथ ही टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री का कार्यकाल भी खत्म हो गया है। रवि शास्त्री ने 2015 से ही भारतीय खेमे को मेंटॉर, टीम डायरेक्टर और कोच के रूप में सेवायें दी और कप्तान कोहली के साथ मिलकर भारतीय टीम के लिये एक ऐसा सुनहरा युग तैयार किया जिसमें भारतीय टीम ने हर प्रारूप में अपना परचम लहराया। हालांकि इस पूरे सफर के दौरान उनके कोचिंग करियर में एक ही चीज रही जो नहीं जुड़ सकी, वो थी आईसीसी टूर्नामेंट की ट्रॉफी। रवि शास्त्री के करियर के दौरान विराट कोहली ने 4 बार आईसीसी टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और 3 बार खिताब के पहुंचकर जीतने से चूक गये।

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2017 की चैम्पियन्स ट्रॉफी के फाइनल में उसे पाकिस्तान के हाथों हार का सामना करना पड़ा तो वहीं पर 2019 विश्वकप में न्यूजीलैंड के हाथों सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा, 2021 में जब विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल खेला गया तो एक बार फिर से भारत को फाइनल में न्यूजीलैंड से हार मिली तो वहीं पर टी20 विश्वकप 2021 में टीम सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच सकी।

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आईसीसी खिताब नहीं जीतने का कोई दुख नहीं

आईसीसी खिताब नहीं जीतने का कोई दुख नहीं

हालांकि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी और पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री को इसका कोई दुख नहीं है। इंडिया टुडे को दिये गये एक इंटरव्यू में रवि सरदेसाई के साथ बात करते हुए उन्होंने भारतीय टीम के साथ बिताये अपने समय के बारे में बात की। रवि शास्त्री ने इस दौरान ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम को दो बार मिली जीत को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया जो कि किसी भी ऐशियाई टीम की ओर से जीती गई पहली और इकलौती सीरीज है।

उन्होंने कहा,'मुझे इस बात का कोई दुख नहीं है, जब आप एक टीम के साथ 5 साल से ज्यादा समय का वक्त बिताते हैं तो आपको पता चलता है कि किस तरह का समय मैंने बिताया है और टीम का सफर कैसा रहा, जिसके बाद यही समझ आता है कि वो ओवर एचिवर रहे हैं। सबसे बड़ी उपलब्धि की बात करूं तो मेरे लिये ऑस्ट्रेलिया रहेगा, वह हमसे कोई भी नहीं ले सकता। 70 सालों के बाद लगातार दो बार उनको उन्हीं के घर पर मात देना आसान नहीं है, यह मेरे लिये काफी खास है। और हमने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में भी बढ़त हासिल की है और मुझे उम्मीद है कि हम सीरीज में जीत भी हासिल करेंगे।'

मुझे दुख है पर अफसोस नहीं

मुझे दुख है पर अफसोस नहीं

उल्लेखनीय है कि इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत ने 4 मैचों के बाद 2-1 की बढ़त हासिल की है तो वहीं पर सीरीज का आखिरी मैच अगले साल जुलाई में खेला जायेगा, जब भारतीय टीम सीमित ओवर्स प्रारूप की सीरीज खेलने उतरेगी। हालांकि भारतीय टीम के लिये हर प्रारूप में द्विपक्षीय सीरीज की सफलता के बावजूद आईसीसी टूर्नामेंट में संघर्ष किया है।

इस पर बात करते हुए रवि शास्त्री ने कहा,'यह मेरे करियर में निराश करने वाली बात जरूर रही है लेकिन मुझे इसको लेकर कोई अफसोस नहीं है। हम इसमें से एक या दो खिताब जरूर जीत सकते थे लेकिन ऐसी चीजें होती रहती हैं। सीमित ओवर्स प्रारूप में ऐसी चीजें बहुत जल्दी होती हैं, अगर आपकी शुरुआत अच्छी नहीं होती है तो आप विश्वकप जैसे मुकाबलों में बहुत जल्दी पिछड़ जाते हैं।'

भारत के दूसरे सबसे सफल कोच हैं शास्त्री

भारत के दूसरे सबसे सफल कोच हैं शास्त्री

शास्त्री ने यह कहते हुए अपनी बात समाप्त की कि मेरे लिये स्टील ज्यादा जरूरी नहीं है बल्कि उससे ज्यादा वो जरूरी है कि हमारी टीम ने उस स्टील को बनाने के लिये कितनी मेहनत की है वो मायने रखता है। अगर आप दुनिया में कहीं भी जाते हैं और पूछते हैं कि कौन सी टीम बेस्ट है तो उनकी चर्चा का विषय में भारत जरूर रहेगा। जीत प्रतिशत के हिसाब से रवि शास्त्री भारतीय इतिहास के सबसे सफल कोच की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं।

कोच रवि शास्त्री के करियर में भारतीय टीम ने कई उपलब्धियां हासिल की और न सिर्फ अपने घर में बल्कि विदेशी सरजमीं पर भी जीत हासिल की। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर जीत हासिल की तो वहीं पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी के घर में दो बार टेस्ट सीरीज जीतने वाली पहली और इकलौती टीम भी बनी। रवि शास्त्री ने अपने कोचिंग करियर के दौरान भारत के लिये कई ऐतिहासिक जीत हासिल की लेकिन आईसीसी टूर्नामेंट के दौरान विराट सेना एक भी खिताब जीत पाने में नाकाम रही।

Story first published: Saturday, November 13, 2021, 1:09 [IST]
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