2019 में घरेलू सीरीज में खेल कर टेस्ट करियर जिंदा किया-
रोहित ने अपने टेस्ट करियर को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2019 में घरेलू सीरीज में खेल कर जिंदा किया था जहां पर हिटमैन ने ओपनिंग करते हुए क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में नई चुनौती का बखूबी सामना किया। रोहित से ओपनिंग करवाने का फैसला आसान नहीं था और इसके बारे में बात करते हुए भारत के पूर्व हेड क्रिकेट कोच रवि शास्त्री ने बताया है कि किस तरीके से उनका मकसद रोहित शर्मा को एक ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर स्थापित करना था।
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स्टार स्पोर्ट्स के शो 'बोल्ड एंड ब्रेव' पर बातचीत करते हुए रवि शास्त्री ने बताया कि अगर रोहित शर्मा रेड बॉल क्रिकेट में अपनी काबिलियत का प्रदर्शन नहीं कर पाते तो वह अपने आप को एक कोच के तौर पर असफल ही मानेंगे। इसके साथ ही रवि शास्त्री बताते हैं कि मुंबई इंडियंस का यह कप्तान कितना ज्यादा प्रतिभाशाली बल्लेबाज रहा है।
तो यह एक कोच के तौर पर मेरा फेलियर होता...
शास्त्री कहते हैं, "मेरे दिमाग में यह बिल्कुल स्पष्ट था कि मैं क्या चाहता हूं। मेरा मानना था कि अगर मैं एक बल्लेबाज के तौर पर रोहित का बेस्ट नहीं निकलवा रहा हूं तो यह एक कोच के तौर पर मेरा फेलियर है क्योंकि उसके पास बहुत ही ज्यादा प्रतिभा थी।"
आपको बता दें कि रोहित शर्मा 2021 में सभी फॉर्मेट में भारत के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज है। इन्हीं सब मुद्दों पर बात करने के अलावा रवि शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट में कप्तानी के विभाजन पर भी बातचीत की जिसमें सफेद गेंद क्रिकेट के कप्तान रोहित शर्मा हैं और लाल गेंद क्रिकेट के विराट कोहली है।
बबल लाइफ में तीनों फॉर्मेट हैंडल करना आसान नहीं- शास्त्री
रवि शास्त्री मानते हैं कि यह कहीं ना कहीं विराट कोहली के लिए एक अच्छी बात ही है क्योंकि बबल की लाइफ में वह तीनों फॉर्मेट में कप्तानी का भार नहीं संभाल पा रहे थे। ऐसे में रवि शास्त्री का यह भी मत है कि भारतीय क्रिकेट में अलग फॉर्मेट में अलग कप्तान का विचार बुरा नहीं है। रवि शास्त्री ने कहा कि, मुझे लगता है कि यह तरीका सही है। यह विराट कोहली के लिए एक आशीर्वाद भी हो सकता है क्योंकि अगर कोविड-19 युग में 1 या 2 साल और बबल लाइफ चलने वाली है तो किसी खिलाड़ी के लिए क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट को हैंडल करना आसान नहीं होगा।