कोहली ने बदला अपना मन-
तो सवाल यह है कि कोहली अचानक टीम के साथ कैसे जुड़ गए? क्या उनको रोहित शर्मा के हाथों कप्तानी छिन जाने का डर था या कारण कुछ और है? टीम के मामलों की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से इन सवालों के जवाब मिले हैं। सूत्रों ने साफ तौर पर इन बातों को बकवास करार दिया है कि कोहली को रोहित से कप्तानी छिनने का खतरा है। टाइम्सनॉउन्यूज.कॉम से बात करते हुए सूत्रों ने बताया कि कोहली के वेस्टइंडीज जाने का एक खास मकसद है। लेकिन यह मकसद अपनी कप्तानी बचाने का नहीं है बल्कि टीम के ही हित से जुड़ा हुआ मामला है।
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वेस्टइंडीज जाने का बड़ा कारण-
सूत्र ने कोहली के जाने के कारणों पर पर्दा हटाते हुए बताया कि विश्व कप में न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार के बाद टीम काफी सदमे में थी। किसी ने भी नहीं सोचा था कि हम ऐसे सेमीफाइनल में बाहर हो जाएंगे। भारत ने उस मैच में बहुत खराब बल्लेबाजी भी की और टीम को इसका खामियाजा हारकर भुगतना पड़ा। ऐसे में कोहली ने टीम के मनोबल को उठाने के लिए खुद को टीम के साथ बनाए रखने का फैसला लिया है। इससे पहले कोहली का आराम करने का मन था लेकिन टीम के खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा करने के लिए उन्होंने वेस्टइंडीज जाने का फैसला किया। सूत्र ने कहा- 'भारत की सेमीफाइनल मैच में हार के बाद ड्रेसिंग रूम का मनोबल काफी गिर गया था। विराट टीम को ऐसे गिरे मनोबल के साथ वेस्टइंडीज नहीं भेजना चाहते थे। इसलिए उन्होंने खुद जाने का फैसला किया ताकि टीम में पॉजिटिव मौहाल बन सके।'
बन सकते हैं सबसे सफल टेस्ट कप्तान-
सूत्र ने आगे बात करते हुए बताया, 'ऐसे गिरे हुए मनोबल के साथ विराट ने विचार किया कि टीम को इस समय छोड़ना ठीक नहीं होगा। इसलिए उन्होंने सामने से आकर टीम का नेतृत्व करने के लिए वेस्टइंडीज जाने का फैसला किया। क्योंकि इस समय टीम को कोहली की सबसे ज्यादा जरूरत थी। बता दें कि कोहली के पास वेस्टइंडीज दौर पर भारत का सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनने का भी सुनहरा मौका है। अगर वे टेस्ट सीरीज के दौरान दोनों मैच जीत जाते हैं तो ये उनकी 28वीं टेस्ट जीत होगी। इसके साथ ही वे धोनी की कप्तानी के 27 टेस्ट जीत के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे।
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