तो इस वजह से छिनी कोहली से कमान
सुनील गावस्कर ने टी20 प्रारूप से कोहली के कमान छोड़ने के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि यह थोड़ा और बेहतर तरीके से कहा जा सकता था, लेकिन कोहली के बयान में जिस चीज की कमी रही उसे देखते हुए बीसीसीआई के टॉप अधिकारियों की भावना को ठेंस लगी और वनडे से कप्तानी हटने के पीछे यह बड़ा कारण हो सकता है।
उन्होंने कहा,'मैंने कोहली के बयान को देखा है, यह आम लोगों के बीच लंबे समय से है और मुझे लगता है कि वह जिस तरह से कहा गया है उसने सत्ता में काबिज कुछ लोगों को परेशान किया है। अगर मुझे सही से याद है तो इसमें कोहली ने कहा है कि मैं भारत की टेस्ट और वनडे टीम का नेतृत्व करना जारी रखूंगा। मुझे लगता है कि यह लाइन बदली जा सकती थी और उन्हें कहना चाहिये था कि मैं वनडे और टेस्ट में भारत का नेतृत्व करने के लिये उपलब्ध रहूंगा। उनका यह मान बैठना कि वो टेस्ट और वनडे टीम के कप्तान बने रहेंगे, उन कारणों में से एक रहा जिसने बोर्ड के अंदर उनके खिलाफ भावना जगाई। वरना जीत के मामले में उनका रिकॉर्ड बहुत शानदार है। वह भले ही आईसीसी खिताब नहीं जीत सके हों लेकिन द्विपक्षीय सीरीज में घर और बाहर हर जगह जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं, तो ऐसे में उनसे नाराज होने का कोई मतलब नहीं समझ आता है। मुझे लगता है कि उस एक लाइन ने यह पूरा विवाद खड़ा किया है।'
कोहली ने सभी अफवाहों का किया खंडन
गौरतलब है कि रोहित को कप्तानी सौंपने पर विवाद खत्म नहीं हुआ, इसके बाद कई खबरें आयी जिसमें पहले कहा गया कि विराट टीम की कमान नहीं छोड़ना चाहते थे और बाद में कहा गया कि विराट कप्तानी छोड़ने को राजी थे लेकिन समय लेना चाह रहे थे, जबकि रोहित शर्मा चाहते थे कि उन्हें दोनों प्रारूप की कप्तानी जल्दी मिले, जिसकी वजह से चयनकर्ताओं ने आनन-फानन में यह फैसला लिया। वहीं इन रिपोर्ट के बाद कोहली-रोहित के बीच मनमुटाव की खबरें भी तेज हो गई, जिसमें हैमस्ट्रिंग इंजरी के चलते टेस्ट सीरीज से बाहर होने वाले रोहित शर्मा के उपलब्ध न होने के बाद विराट के वनडे सीरीज से आराम मांगने की रिपोर्ट सामने आयी।
ऐसे में यह कयास लगाये जाने लगे कि कप्तानी से हटाने की वजह से दोनों खिलाड़ियों के बीच विवाद शुरू हो गया है और अब दोनों ही एक-दूसरे की कप्तानी में नहीं खेलना चाहते हैं। विवादों को बढ़ता देख बुधवार को कप्तान विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और साफ किया कि ऐसी कोई बात नहीं है। उन्हें और रोहित को लेकर सिर्फ अफवाहों का बाजार गर्म किया जा रहा है। विराट ने कहा कि जो खबरें सूत्रों के हवाले से लिखी जा रही हैं वह पूरी तरह से झूठ, मुझे कोई बताये कि ऐसा कब हुआ है। मैंने कभी भी देश के लिये खेलने से इंकार नहीं किया है और मैं चयन के लिये उपलब्ध रहूंगा।
जहां विराट कोहली के बयान ने टीम में मन-मुटाव और कप्तानी के लेकर पैदा हुआ तनाव को खत्म किया है, वहीं पर उनके एक बयान ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और उनके बीच कम्युनिकेशन गैप को दर्शाया है। इतना ही नहीं इसने बोर्ड के नेतृत्व पर सवालिया निशान खड़े कर दिये हैं।
कोहली के बयान से झूठा साबित हुआ गांगुली का दावा
दरअसल जब रोहित शर्मा को वनडे टीम की कमान सौंपने का ऐलान किया गया तो सौरव गांगुली ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा था कि जब टी20 प्रारूप से कोहली ने कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था तो मैंने खुद उनसे बात करके ऐसा न करने की अपील की थी, हालांकि वो नहीं माने, जिसके बाद चयनकर्ताओं ने सीमित ओवर्स प्रारूप में दो अलग कप्तान न रखने का फैसला किया। यही वजह है कि हमने रोहित को कप्तान बनाया। वहीं जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली से इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ किया कि जब टी20 प्रारूप की उन्होंने कप्तानी छोड़ी तो उनसे इस बारे में कोई बात नहीं की गई थी कि चयनकर्ता दोनों प्रारूप में एक ही कप्तान रखें और वो कप्तानी न छोड़ें।
इतना ही नहीं कोहली ने उन रिपोर्ट को भी झुठलाया जिसमें उन्हें वनडे प्रारूप की कमान छोड़ने के लिये 48 घंटे का समय देने की बात की गई थी। उन्होंने कहा कि टीम का ऐलान होने से डेढ़ घंटे पहले चयनकर्ताओं ने उन्हें फोन किया और टेस्ट टीम को लेकर बात की। अंत में जब टीम पर चर्चा समाप्त हो गई तो मुझे बताया गया कि चयनकर्ताओं ने वनडे प्रारूप के लिये रोहित को नया कप्तान चुना है। मैंने उनके फैसले का समर्थन किया और हमारी बात खत्म हो गई।