जॉन राइट को था अपनी जगह खोने का खतरा
गावस्कर को डर है कि अगर धोनी और टीम मैनेजमेंट के बीच गेम प्लान को लेकर एक जैसी सोच नहीं रही तो उन दोनों के बीच बनने वाली असहमति से टीम को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा,'धोनी की कप्तानी में भारत को 2011 विश्व कप में जीत मिली जबकि 4 साल पहले भारत ने 2007 का टी20 विश्वकप भी जीता। इस कदम से भारत को निश्चित तौर पर फायदा होने जा रहा है। हालांकि उस वक्त टीम के हेड कोच जॉन राइट थोड़ा नर्वस थे, जिन्हें लग रहा था कि धोनी उनकी जगह ले लेंगे। हालांकि रवि शास्त्री जानते हैं कि धोनी को कोचिंग में बहुत ही कम रूचि है। ऐसे में रवि शास्त्री और एमएस धोनी की साझेदारी अच्छी हो जाती है तो भारत को इससे काफी फायदा होगा। लेकिन वहीं पर अगर दोनों के बीच टीम सेलेक्शन और रणनीतियों को लेकर असहमति बनती है तो इसका नुकसान टीम पर भी देखने को मिल सकता है।'
अगर धोनी-शास्त्री के बीच हुआ विवाद तो भारत को होगा नुकसान
गावस्कर का मानना है कि भारतीय टीम में धोनी की नियुक्ति अपने आप में टीम की ताकत को बढ़ा रही है, बस उम्मीद है कि किसी असहमति की वजह से दोनों के बीच विवाद न देखने को मिले।
उन्होंने कहा,'धोनी की नियुक्ति भारतीय फैन्स और टीम के लिये बड़ी खुशखबरी है लेकिन मैं बस यही प्रार्थना कर रहा हूं कि रवि शास्त्री और धोनी के बीच कोई विवाद देखने को न मिले और दोनों एक पेस पर रहकर काम कर सकें। अगर यह काम कर जाता है तो भारत के आईसीसी ट्रॉफी का सूखा भी खत्म हो सकता है।'
अश्विन को प्लेइंग 11 में जगह मिलना मुश्किल
गौरतलब है कि विश्वकप के लिये चुनी गयी भारतीय क्रिकेट टीम में रविचंद्रन अश्विन की भी वापसी हुई है और युजवेंद्र चहल को टीम से बाहर छोड़ दिया गया है। अश्विन के चयन पर गावस्कर ने कहा कि उनकी टीम में वापसी काफी अच्छी खबर है लेकिन प्लेइंग 11 में उनके लिये जगह बना पाना थोड़ा मुश्किल है। इतना ही नहीं गावस्कर का मानना है कि अश्विन का चयन सिर्फ इंग्लैंड दौरे पर खेली टेस्ट सीरीज में भरपाई के लिये किया गया है।
आपको बता दें कि भारतीय टीम 24 अक्टूबर से अपने विश्वकप अभियान का आगाज करेगी जिसका पहला मैच दुबई के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में पाकिस्तान के खिलाफ खेला जायेगा।