तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts
 

जानें कैसे ऑस्ट्रेलिया की गलतियों से वापस निकले पृथ्वी शॉ, सुनाई विजय हजारे ट्रॉफी का हीरो बनने की कहानी

Vijay Hazare Trophy 2021 Prithvi Shaw reveals his Struggle journey about how overcame the mistakes made against Australia: नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में भले ही भारतीय टीम ने 2-1 की ऐतिहासिक जीत हासिल की हो लेकिन इस सीरीज का पहला मैच उसे कभी न सोने दे पाने वाले बुरे सपने की तरह ही रहेगा। जहां इस मैच की दूसरी पारी में पूरी भारतीय टीम महज 36 रन पर सिमट गई थी तो वहीं पर सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ दोनों पारियों में खाता खोल पाने में नाकाम रहे थे और एक ही तरह की गेंद पर बोल्ड होकर वापस लौटे थे। इस पारी के बाद पृथ्वी शॉ को सीरीज के बाकी मैचों में मौका नहीं मिला और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में वो टीम का हिस्सा भी नहीं बने।

और पढ़ें: संजना गनेशन के साथ शादी के बंधन में बंधे जसप्रीत बुमराह, देखें खूबसूरत तस्वीरें

शॉ की इन पारियों के बाद दिग्गज खिलाड़ियों ने कहा कि उनकी कमजोरी सामने आ गई है और अब उनका वापसी करना मुश्किल होगा। हालांकि पृथ्वी शॉ ने मुंबई के लिये विजय हजारे ट्रॉफी में वापसी की और अपनी कप्तानी में न सिर्फ मुंबई की टीम को चौथी बार खिताब जिताया बल्कि 5 शतकीय पारियां खेलकर टूर्नामेंट में 800 रनों का आंकड़ा पार करने वाले पहले बल्लेबाज भी बने। शॉ ने कुल 827 रन बनाये।

और पढ़ें: IND vs ENG: विराट-किशन की पारी से 7 विकेट से जीता भारत, सीरीज में की 1-1 से बराबरी

मेहनत के अलावा नहीं था दूसरा विकल्प

मेहनत के अलावा नहीं था दूसरा विकल्प

मुंबई के लिये विजय हजारे ट्रॉफी जीतने के बाद जब उनसे ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद मजबूत वापसी करने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास गलतियों से सीख लेकर वापसी करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बाकी था।

उन्होंने कहा, 'मेरे लिये यह थोड़ा मुश्किल था लेकिन मेरे पास इसके अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। ऑस्ट्रेलिया में जो गलतियां हुई थी उन्हें ठीक करने और मजबूत वापसी करने के लिये कड़ी मेहनत ही एकमात्र विकल्प था।'

कप्तानी करने में आता है मजा

कप्तानी करने में आता है मजा

गौरतलब है कि विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान पृथ्वी शॉ ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए पुड्डचेरी के खिलाफ रिकॉर्ड दोहरा शतक लगाया और किसी भी तरह की परेशानी में नहीं दिखे। इसको लेकर जब उनसे पूछा गया कि क्या कप्तानी से उनकी बल्लेबाजी को मदद मिली तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसमें मजा आता है और निश्चित ही इससे वो बेहतर बल्लेबाज भी बनते हैं।

उन्होंने कहा, 'मैं काफी छोटी उम्र से ही कप्तानी करता रहा हूं। मैंने भारत ए के अलावा अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 में कप्तानी संभाली है। मुझे कप्तानी करते हुए टीम की जिम्मेदारी संभालने में मजा आता है और इस दौरान मैं हर एक गेंद पर ध्यान लगाये रखता हूं। इससे मेरी बल्लेबाजी भी और ज्यादा फोकस हो जाती है और उसमें भी फायदा होता है।'

आदित्य तरे ने खेली बेहद अहम पारी

आदित्य तरे ने खेली बेहद अहम पारी

पृथ्वी शॉ ने फाइनल मैच में शतक लगाकर टीम को जीत दिलाने वाले आदित्य तारे की भी जमकर तारीफ की जिनकी नाबाद 118 रन पारी के दम पर मुंबई ने 7 ओवर पहले ही 313 रनों के विशाल लक्ष्य को हासिल कर लिया।

उन्होंने कहा, 'तारे ने भी आज काफी अच्छी बल्लेबाजी की और मैच की परिस्थिती को देखते हुए खुद को उसी के हिसाब से ढालकर कभी भी हमें पिछड़ने नहीं दिया। खिताब जीतने के लिये हमें इसकी काफी जरूरत थी वर्ना मैच किसी भी दिशा में जा सकता था। उन्होंने न सिर्फ शतक लगाया बल्कि मैच को खत्म किया। वह शानदार खेले।'

Story first published: Monday, March 15, 2021, 17:35 [IST]
Other articles published on Mar 15, 2021
POLLS
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Yes No
Settings X