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इसलिए खतरनाक है पर्थ
अब तक पर्थ में इंटरनेशनल मैचों का आयोजन वाका स्टेडियम में होता था। अब जो नया स्टेडियम बनाया गया है वह वाका से थोड़ी ही दूरी पर है। लेकिन पर्थ में केवल मैदान ही नहीं बल्कि यहां चलने वाली हवा भी तेज गेंदबाजों की मदद करने में अहम रोल अदा करती है। पर्थ की हवा और मिट्टी तेज गेंदबाजी के मुफीद है। यानी की नए स्टेडियम में भी वाका की पुरानी तेजी नजर आएगी। अभी हाल ही में हुए वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच हुए शेफील्ड शील्ड के मैच में भी पिच में भरपूर तेजी और उछाल देखने को मिला था। पिच को देखने के बाद बीसीसीआई ने भी सोचनीय मुद्रा में ट्वीट किया है कि पता नहीं पिच कैसी होगी-
पर्थ से तेजी पर कोहली का जवाब
भारत के कप्तान विराट कोहली से जब इस पिच के बारे में पूछा गया तो उनकी प्रतिक्रिया बड़ी दिलचस्प थी। कोहली ने जवाब दिया कि वे हरी पिच को देखकर नर्वस नहीं है बल्कि उत्साहित हैं। कोहली ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैं इस पिच को देखकर काफी खुश हूं। उम्मीद करता हूं कि पिच से ज्यादा घास नहीं हटाई जाएगी। इसका मतलब यह होगा कि शुरू के तीन दिन जबरदस्त खेल देखने को मिलेगा। एक टीम के रूप में हम इसको लेकर खुश हैं।'
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पिच देखते ही समझ गए माजरा
पिच को देखते ही कोहली समझ गए थे कि यहां गेंदबाजों के करने के लिए बहुत कुछ है और एडिलेड के मुकाबले यहां गेंदबाजों को काफी ज्यादा मदद मिलने वाली है। कोहली ने कहा, 'पिच बहुत तेज साबित होगी। हम भी इस तरह कि पिचों से अंजान नहीं है, हमने पहले भी ऐसे पिचों पर खेला है।' आपको बता दे पर्थ में दूसरा मैच परंपरागत वाका मैदान की बजाए पास में ही बने नए ऑप्टस स्टेडियम में खेला जाएगा।
ये है विराट का आत्मविश्वास का कारण
कोहली के आत्मविश्वास की वजह दरअसल पिछले कुछ समय से जबरदस्त गेंदबाजी कर रहा भारतीय तेज गेंदबाजी अटैक है। चाहे दक्षिण अफ्रीका हो या इंग्लैंड, जब भी मेजबानों ने भारत के सामने तेज विकेट परोसा तो भारतीय पेस बैटरी ने विपक्षी बल्लेबाजों की बखिया उधेड़ कर रख दी। हालांकि बल्लेबाजों के लचर खेल के चलते टीम इंडिया गेंदबाजों की मेहनत का पूरा फायदा नहीं उठा सकी। ऐसे में पर्थ के नए स्टेडियम की तेज पिच पर भारतीय तेज गेंदबाजी का सामना कंगारूओं को भी उतना ही करना होगा, जितना की कंगारू पेस बैटरी का भारतीय बल्लेबाजों को। यानी मुकाबला है बराबरी का।