सेमीफाइनल हार को नहीं पचा पा रहे हैं कोहली
यह शायद पहली बार है जब कोहली ने इस हार का आकलन करने में अपने दिल की सुनी है। आमतौर पर क्रिकेट जैसे अनिश्चित खेल में लोग यही मानकर चलते हैं कि एक खराब दिन किसी भी टीम को बर्बाद करने की ताकत रखता है। सेमीफाइनल भी टीम इंडिया के लिए एक खराब दिन था लेकिन कोहली उस हार को नहीं पचा पा रहे हैं। कोहली ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए माना है कि इस तरह की हार को स्वीकारना बहुत मुश्किल था। उन्होंने कहा, 'अगले दिन आप उठते हैं और सोचते हैं कि आपने बहुत ज्यादा खराब प्रदर्शन नहीं किया लेकिन फिर भी हम बाहर हो चुके हैं। जब सब इतना अच्छा खेल रहे हों और अचानक पता चलता है कि आप तो विश्व कप से ही बाहर हो चुके हैं, इसको पचाना बहुत मुश्किल है।'
हार के बाद कोहली ने टीम से क्या कहा-
कोहली ने बताया कि इस मुश्किल हार के बाद भी उन्होंने अपने साथियों से अपना सर ऊंचा बनाए रखने के लिए कहा था। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया- 'सबसे महत्वपूर्ण, यह आपका चरित्र निर्माण करता है क्योंकि ये चीजें अचानक होती हैं। हमने टीम से कहा कि आपने जो भी कुछ किया है उस पर आपको गर्व होना चाहिए। जिस पल आप अपने आप से आपका श्रेय छीन लेते हैं उस पल आप अपने ऊपर अनावश्यक दबाव भी डाल लेते हैं। जरूरी यह है कि आपने जो किया उसको लेकर विनम्र बने रहे। अपना दबाव उतना कभी मत झेले कि आप खुद को नापसंद करने लगे। यह संतुलन बहुत जरूरी है।'
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मुश्किल समय की खूबी भी बताई-
इस दौरान कोहली ने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने मुश्किल समय से क्या सीख ली है। उन्होंने बताया- 'मैं अपनी जिंदगी में सबसे ज्यादा गलतियों और मुश्किलों से सीखा है। इन चीजों ने ना केवल मुझे प्रेरित किया बल्कि एक इंसान के तौर पर भी मुझे सुधारा। इस वजह से मुझे पता चला कि सफलता से ज्यादा अहमियत तो ऐसे समय की होती है। ये आपको कुछ समय के लिए खाली छोड़ देता है जिससे आप सोच सकते हैं कि अब क्या करने की जरूरत है, ये आपको आगे का रोडमैप बनाने का भी मौका देता है।' इसके साथ ही कोहली ने यह भी बताया कि मुश्किल वक्त का एक और फायदा यह है कि आपको पता लग जाता है कि कौन इंसान आपका साथ देने वाला है और कौन बचकर भागना चाहता है।