धोखा देकर मालामाल होना चाहते थे
जी हां, जडेजा आईपीएल 2010 में अपनी फ्रेंचाइजी को धोखा देकर मालामाल होना चाहते थे। हुआ ऐसा था कि आईपीएल की शुरूआत साल 2008 में हुई थी। तब अंडर-19 टीम में अहम खिलाड़ी ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा था। जडेजा ने टूर्नामेंट के पहले और दूसरे सीजन में राजस्थान के लिए खेला और शानदार प्रदर्शन किया। जडेजा को तब राजस्थान ने तीन साल के लिए साइन किया था, लेकिन जडेजा का प्रभावशाली प्रदर्शन देखकर बाकी टीमें हैरान थीं।
राजस्थान को भनक लगी तो हुआ ड्रामा
ऐसे में आईपीएल 2010 से पहले, मुंबई इंडियंस ने जडेजा को अपनी टीम के लिए खेलने का ऑफर दिया था। मुंबई मोटी रकम देकर जडेजा को अपने साथ जोड़ने के लिए तैयार थी, लेकिन मामला तब आग पकड़ गया जब इसके बारे में राजस्थान रॉयल्स टीम प्रबंधन को भनक लगी तो बड़ा ड्रामा हुआ। उन्होंने मामले की सूचना आईपीएल संचालन परिषद को दी। नियम है कि कोई भी बिक चुका खिलाड़ी टीम बदलने के बारे में अन्य फ्रेंचाइजी के साथ चर्चा नहीं कर सकता है। लेकिन जडेजा आरोपी पाए गए। उन्होंने नियम तोड़ा जिस कारण उन्हें 2010 के आईपीएल सीजन के लिए निलंबित कर दिया गया था। जडेजा सिर्फ दो साल राजस्थान के लिए खेलना चाहते थे। हालांकि, उन्होंने राजस्थान के लिए खेलने के लिए तीन साल का अनुबंध पहले ही साइन कर लिया था।
अब बन गए सर रवींद्र जडेजा
वक्त देखिए, एक वो समय था जब जडेजा अधिक पैसा कमाने के लिए अन्य टीम के साथ चोरी छिपे बात कर रहे थे। वहीं आज जडेजा करोड़ों की बोली पा बैठे हैं। जडेजा को आईपीएल 2020 में सीएसके ने 7 करोड़ देकर अपने साथ बनाए रखा था, लेकिन अब उनकी कीमत 16 करोड़ पहुंच चुकी है। 2012 की आईपीएल नीलामी में सीएसके ने करीब 12 करोड़ रुपए की बड़ी बोली लगाई और जडेजा को अपनी टीम में शामिल किया था। तब से, वह चेन्नई और भारतीय टीम के लिए अग्रणी ऑलराउंडर के रूप में उभरे हैं। उन्होंने हमेशा बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। बहुत ही जल्द जडेजा को 'सर रवींद्र जडेजा', नाम मिल गया। जडेजा के पास 200 आईपीएल मैच खेलने का अनुभव है, जिसमें 2386 रन दर्ज हैं, साथ ही 127 विकेट भी ले चुके हैं। यहां तक कि माना जा रहा है कि जडेजा को कप्तान के लिए भी तैयार किया जा सकता है, क्योंकि अटकलें हैं कि धोनी आईपीएल 2022 के दाैरान बीच में ही कप्तानी किसी आैर को साैंप सकते हैं।