1. कप्तानी का शानदार अनुभव
रोहित कई सालों तक भारत की वनडे टी20 टीम के उपकप्तान रहे हैं। इसलिए, यह भारत के नेतृत्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बने हुए हैं। विराट की गैरमौजूदगी में उन्होंने अक्सर भारतीय टीम का नेतृत्व किया है। उन्होंने एशिया कप, निदाहस ट्रॉफी जैसी अहम सीरीज में टीम को जीत दिलाई है। रोहित ने अब तक 32 मैचों में भारतीय टीम की अगुवाई की है। इनमें से टीम ने 23 मैच जीते हैं, जबकि भारत को केवल 6 मैच ही हारे हैं। इनमें से 10 मैच वनडे हैं। इन 10 मैचों में से टीम को सिर्फ 2 मैच ही हारे हैं। इतना ही नहीं, वह आईपीएल टी20 लीग के सबसे सफल कप्तान भी रह चुके हैं। उनके नेतृत्व में, मुंबई इंडियंस ने पांच बार आईपीएल ट्रॉफी जीती है। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनके पास पहले से ही नेतृत्व के अनुभव का खजाना है।
2. कप्तानी करते समय बल्लेबाजी का प्रदर्शन भी शानदार
जब रोहित ने टीम की कप्तानी की तो टीम ने न सिर्फ अच्छा प्रदर्शन किया, बल्कि उनका निजी प्रदर्शन भी उतना ही अच्छा रहा। उन्होंने 10 वनडे मैचों में 78 की औसत से भारतीय टीम का नेतृत्व किया है। इन 10 मैचों में उन्होंने 543 रन बनाए हैं। वनडे की तरह टी20 में भी रोहित का बल्ला आज भी चमक रहा है। टी20 क्रिकेट में भारतीय टीम के कप्तान के रूप में उन्होंने 19 मैच खेले हैं और 42 की औसत से 712 रन बनाए हैं। इस बीच उनके बल्ले से 2 शतक और 5 अर्द्धशतक निकल चुके हैं। इतना ही नहीं कप्तान बनने के बाद आईपीएल में उनका प्रदर्शन जबरदस्त रहा है। इसलिए यह कहना सही होगा कि कप्तानी में रोहित का बल्ला भी रन उगलने के लिए बेताब रहता है।
3. क्रिकेट का अच्छा ज्ञान
एक कप्तान और बल्लेबाज के रूप में, रोहित ने शानदार प्रदर्शन किया है। लेकिन टीम के लीडर होने के बावजूद उन्होंने अपने दिग्गजों का भी ख्याल रखा है। इसलिए रोहित की कप्तानी में अब तक जितने भी खिलाड़ी खेले हैं, उन्होंने हमेशा उनकी सराहना की है। रोहित खिलाड़ियों पर भरोसा दिखाते हैं, उन्हें मौका देने के लिए लगातार काम करते हैं। तभी तो उनकी कप्तानी में खिलाड़ी भी अच्छा प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं। रोहित भी खेल को अच्छी तरह जानते हैं। ऐसा अक्सर तब होता है जब वह मैदान पर होते हैं। मौजूदा मैच में वह सही समय पर सही फील्डिंग करते या गेंदबाजी में बदलाव करते नजर आते हैं। उनके फैसलों को अक्सर टीम की जीत के तौर पर देखा जाता रहा है।