धोनी के रन-आउट पर विवाद
यह ओवर लॉकी फर्गुसन कर रहे थे। उस समय भारत को जीत के लिए 10 गेंदों पर 25 रन बनाने की दरकार थी। तभी फर्गुसन की गेंद को पुल करने के प्रयास में धोनी मिस टाइम कर गए। उन्होंने फिर भी तेजी से भागकर एक रन पूरा किया और दूसरे रन के लिए भी दौड़ पड़े। दूसरा रन चुराना धोनी को यहां भारी पड़ा क्योंकि गेंद तब तक मार्टिन गुप्टिल के चंगुल में आ चुकी थी। उन्होंने विकेट पर रफ्तार के साथ डायरेक्ट हिट मारकर ना केवल धोनी की पारी का अंत किया बल्कि विश्व कप में भारत के अभियान का भी अंत कर दिया। लेकिन इसके साथ ही ट्विटर एक वीडियो वायरल हो रहा है जो जिसके अनुसार इस मैच में भारत को अंपायरों की गलती का खामियाजा भुगतान पड़ा है।
ग्राफिक्स ने पकड़ी अंपायर की बड़ी गलती
दरअसल तीसरे पॉवरप्ले के नियम के अनुसार केवल 5 फील्डर ही 30 गज के दायरे से बाहर रह सकते थे। लेकिन धोनी को गेंद फेंके जाने से पहले एक छोटे से ग्राफिक्स में दिख रहा था कि न्यूजीलैंड के 6 खिलाड़ी रिंग से बाहर खड़े हैं। यानी यह गेंद नो-बॉल करार देनी चाहिए थी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर गेंद नो-बॉल भी होती तब भी धोनी रन आउट होते क्योंकि नो-बॉल पर आप रन आउट दिए जा सकते हैं। लेकिन इसके बावजूद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अगर अंपायर ने इस गेंद को नो-बॉल करार दे दिया होता तो धोनी शायद अगले रन के लिए भागने में इतना रिस्क ना लेते।
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नो-बॉल होती तो बदल सकता था मामला
फैंस का मानना है कि धोनी तब नो-बॉल का सामना करते और उनको अगली गेंद फ्री हिट मिलते। इसलिए यह संभव था कि धोनी रन ही ना लेते। लेकिन अंपायर ने ऐसा नहीं किया और धोनी को जल्द से दूसरा रन लेने के लिए भागना पड़ा और बाद में वे रन आउट हो गए। मैच के बाद कप्तान विराट कोहली ने धोनी और जडेजा की साझेदारी की तारीफ भी की है। उन्होंने बताया कि भारत की हार शुरुआती 45 मिनट के खेल ने तय कर दी थी। जब टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर ध्वस्त हुआ था। इस मैच में रोहित, राहुल और कोहली ने 1-1 रन बनाए थे।