सीरीज हार से सामने आई 5 कमियां
विराट कोहली हार के बाद भले ही बहाने नहीं बना रहे थे लेकिन उनकी कप्तानी में घरेलू जमीन पर मिली पहली सीरीज हार और उसके तरीके ने टीम मैनजेमेंट की थिंकिग और विश्व कप को लेकर चल रहे प्लानिंग पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या टीम इंडिया को उनका नंबर-4 मिला जिसकी तलाश एक अनंत खोज बन चुकी है? क्या विराट-शास्त्री हार्दिक की अनुपस्थिति में किसे ऑल राउंडर के तौर पर जगह मिलेगी यह सवाल अब भी सवाल ही बना हुआ है। क्या जडेजा और विजय शंकर अपनी जगह को जस्टिफाई कर पाए? क्रिकेट विश्लेषकों की मानें तो विश्व कप के लिए कोई भी संभावित खिलाड़ी अंतिम -15 में अपनी जगह अब भी तय नहीं कर पाया। टीम इंडिया की सीरीज हार से उनकी 5 कमियां जगजाहिर हो गई हैं जिसे समय रहते नहीं ठीक किया गया तो विश्व कप की फर्म फेवरेट कही जाने वाली इस टीम की मुश्किलें आने वाले समय में और बढ़ सकती हैं और विश्व कप का खिताब कहीं महज सपना ही न रह जाए।
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नंबर-4 अब भी एक विकल्प ?
टीम इंडिया ने 2015 विश्व कप के बाद नंबर-4 के लिए कुल 11 खिलाड़ियों को आजमाया है। चार साल से चल रहे इस खोज का परिणाम ऑस्ट्रेलिया से मिली सीरीज हार के बाद भी नहीं मिला है। 12 मई को आईपीएल 2019 की समाप्ति के ठीक 21 दिन बाद टीम इंडिया अपना पहला वर्ल्ड कप मैच 5 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेल रही होगी लेकिन भारतीय टीम का नंबर-4 कौन होगा यह विराट के लिए अभी भी एक सवाल बना हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे ODI में उन्होंने नंबर-3 पर लोकेश राहुल को आजमाया और खुद नंबर-4 पर उतरे। 31 गेंदों में 26 रनों की पारी खेलने वाले राहुल न इस मैच में कोई करिश्मा कर पाए और नंबर-4 पर विराट भी फेल हो गए और 6 गेंदों में 7 रन बनाकर आउट हो गए। अंबाती रायडू जिन्हें इस स्लॉट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था वो रनों के लिए संघर्ष करते दिखे। अब सवाल यह उठता है कि क्या जिस टीम इंडिया के टॉप-3 बल्लेबाजों ने पिछले तीन साल में ODI क्रिकेट में 61.32 फीसदी रन बनाए हैं उसमें कोई छेड़छाड़ होगी या विराट को अभी भी इस सवाल का जवाब ढूंढना होगा। नंबर-4 पर आजमाए गए खिलाड़ियों में लोकेश राहुल, अंबाती रायडू, विराट कोहली, दिनेश कार्तिक, मनीष पांडे, केदार जाधव, धोनी, मनोज तिवारी, हार्दिक, युवराज और रहाणे शामिल हैं।
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ऋषभ पंत पर उठेंगे सवाल ?
मोहाली ODI में पंत की एक गलती की वजह से टीम इंडिया सीरीज हार गई। चौथे ODI में पंत एश्टन टर्नर को स्टंप आउट करने से चूक गए, धोनी-धोनी चिल्लाते हुए दर्शकों ने उनकी हूटिंग कर दी, विराट भी बाउंड्री पर झल्लाते हुए दिखे। उन्होंने एक ओवर में ऐसी तीन गलतियां की और ऑस्ट्रेलिया ने इसी मैच में भारत का मनोबल तोड़ दिया। महज 5 ODI के अनुभव वाले ऋषभ भले ही टेस्ट में अपनी छाप छोड़ चुके हैं लेकिन ODI में न तो एक परिपक्क्व विकेट कीपर हैं और न ही अपनी बल्लेबाजी से कोई कमाल कर पाए हैं। कार्तिक को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम में नहीं चुना गया लेकिन आंकड़े उनके पक्ष में है। उन्होंने टीम इंडिया के लिए हाल में कई अच्छी पारियां खेली हैं। क्या विराट का "ऋषभ प्रेम" टीम इंडिया के हित में है क्या पंत की जगह दिनेश कार्तिक को भारतीय टीम में मौका नहीं मिलना चाहिए ? इस सवाल का जवाब शायद विराट-शास्त्री की जोड़ी से बेहतर कोई नहीं जानता होगा। अगर सिर्फ प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम में जगह मिलती है तो कार्तिक पंत से एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं और नंबर-4 के शानदार बल्लेबाज भी। पंत अब तक खेले 5 मैचों में कुल 93 रन बना पाए हैं और उनका बेस्ट स्कोर 36 है।
क्या धोनी के बिना विकल्पहीन हो जाते हैं विराट
विराट दुनिया के सबसे शानदार खिलाड़ी हैं यह ब्रह्माण्ड का एक बड़ा सत्य है लेकिन क्या वो इतने ही सफल कप्तान भी हैं। मोहाली ODI में 358 रनों का स्कोर करने के बावजूद जब भारतीय टीम इसे डिफेंड नहीं कर पाई तो सवाल उठना लाजमी है। विराट को इस मैच में कई मौकों पर रणनीति बनाने में अकेला देखा गया। माही की चाल से नागपुर ODI में भारत को जीत मिली लेकिन विराट कई मौकों पर बतौर कप्तान अपने प्लान को सही तरीके से नहीं भुना पाते हैं। जहां धोनी और रोहित की सलाह विराट के लिए राम बाण साबित होती है वहीं कई मौकों पर कप्तान के तौर पर विराट के फैसले चौंकाने वाले होते हैं। विजय शंकर मोहाली में सबसे सफल गेंदबाज थे लेकिन उन्हें आखिरी ओवर में गेंदबाजी नहीं देना विराट को महंगा पड़ा।
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कैसी हो प्लेइंग-11
क्रिकेट में प्रयोग तब तक सही लगते हैं जब परिणाम आपकी टीम के पक्ष में आ रहे हों लेकिन अगर वही प्रयोग सफल न हों तो उसी प्रयोग पर सवाल उठने लगते हैं। युजवेंद्र चहल एक अच्छे गेंदबाज हैं लेकिन कुलदीप हर तरह की पिच पर उनसे बेहतर साबित होते हैं। चौथे मैच में दोनों खिलाड़ी को एक साथ टीम में शामिल किया गया। चहल की जमकर धुनाई हो गई और वो ODI में सबसे अधिक (10 ओवर में) रन लुटा बैठे, अगले मैच में उन्हें ड्रॉप कर दिया गया। दिल्ली ODI में लंबे समय बाद 5 रेगुलर गेंदबाज देखने को मिले, कोहली ने अति आत्म विश्वास में टॉस के ठीक बाद "टीम इंडिया को रन चेज में दुनिया की सबसे बेस्ट टीम" बता दिया लेकिन 273 का लक्ष्य चेज करने में टीम के पसीने छूट गए। प्लेइंग-11 में अगर विराट सिर्फ पिच के मिजाज और टीम की रणनीति के तहत बेस्ट खिलाड़ियों को मौका दें और अत्यधिक प्रयोग से बचें तो विश्व कप जीत के लिए यह अहम होगा।