रायडू को झटका
टीम इंडिया में वापसी और एशिया कप के बाद भारतीय टीम की ओर से 24 ODI में से 21 पारियों में खेलने वाले इस बल्लेबाज ने इस दौरान एक शतक और चार अर्धशतक जड़े। यह खिलाड़ी अक्टूबर-2018 में जिस खिलाड़ी को नंबर-4 स्लॉट का प्रबल दावेदार बताया गया, जनवरी-2019 में विराट ने टीम को नंबर-4 पर और मजबूत बनाने की बात कही और अप्रैल में उनक फॉर्म इतना खराब हो गया कि वो जितना रन के लिए संघर्ष करते दिखे रन उनसे उतना ही दूर हो गया और वो टीम से बाहर हो गए। अब वो शायद ही इस टीम में वापसी कर पाएं और कोई और वर्ल्ड कप खेल पाएं। लेकिन जिन 15 खिलाड़ियों का टीम में चयन हुआ है क्या वो एक ऑटोमैटिक पिक हैं। क्या टीम में उनकी डायरेक्ट एंट्री प्लेइंग-11 में होगी। मुख्य चयनकर्ता एम.एस.के प्रसाद के बयान का अगर विश्लेषण किया जाए तो तस्वीर आपके सामने आ पाएगी। जानिए किस हालात में विजय शंकर, लोकेश राहुल, दिनेश कार्तिक और रविंद्र जडेजा को प्लेइंग एकादश में जगह मिल पाएगी।
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सर जडेजा के लिए खेलने की शर्त
रविंद्र जडेजा ने वर्ल्ड कप टीम में जगह पाने के लिए काफी मेहनत की है। उन्होंने लंबे अंतराल बाद ODI में अपनी वापसी को प्रदर्शन में तब्दील किया। 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में इस गेंदबाज ने इंग्लैंड में कहर बरपाया था। मई के महीने में इंग्लैंड की पिच सूखी और दरार वाली होगी। जडेजा को बतौर विकल्प शामिल करने पर प्रसाद ने बताया "अगर प्लेइंग एकादश में भुवनेश्वर कुमार की जगह मोहम्मद शमी खेलते हैं तो टीम के प्लेइंग-11 में इनका खेलना तय है। टीम इंडिया का लोअर ऑर्डर सिर्फ गेंदबाजों से भरा है, शमी,बुमराह,कुलदीप,चहल ये ऐसे गेंदबाज हैं जिनसे बड़े स्कोर की उम्मीद नहीं की जा सकती। ऐसी स्थिति में जडेजा का फायर पावर टीम को मजबूती देगा और पूरी दुनिया जानती है कि टीम इंडिया में मौजूदा हालात में इनसे तेज चीते की फूर्ति से शायद ही कोई थ्रो फेंक पाए। प्रसाद के मुताबिक अगर जडेजा किसी मैच में नहीं भी खेलते हैं टी उस मैच में सब्स्टीच्यूट फील्डर की भूमिका निभाएंगे।
लोकेश होंगे रिज़र्व ओपनर
लोकेश राहुल कुछ दिनों पहले तक अपने फॉर्म से जूझते दिखे। अगर इनके हाल के ODI आंकड़ें देखे जाएं तो इनका चयन सवालों के घेरे में आ सकता है। 2016-2019 तक इन्होंने 14 मैच में कुल 343 रन बनाए हैं और ज़िम्बावे के खिलाफ हरारे में साल 2016 में ODI करियर का आखिरी शतक जड़ा था। इस दौरान उनका औसत 34.30 रहा है। इंग्लैंड में साल 2018 में खेले 2 ODI (नॉटिंघम और लॉर्ड्स में खेले गए ODI) मुकाबलों में राहुल के नाम 9 और 0 रन की दो पारियां शामिल हैं। टेस्ट में इनके आउट होने के तरीके पर सवाल उठे लेकिन इनकी प्रतिभा और हाल में आईपीएल में शानदार बल्लेबाजी के दम पर इन्हें टीम में जगह मिली। राहुल टीम इंडिया के लिए वर्ल्ड कप 2019 में बतौर रिज़र्व ओपनर जाएंगे। शिखर धवन या रोहित शर्मा में किसी के चोटिल या नहीं खेल पाने की स्थिति में चयन के लिए तैयार रहेंगे। प्रसाद के मुताबिक "लोकेश का चयन टीम में उचित जगह (पिच की स्थिति) और उचित समय को देखकर होगा"।
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ऐसे मिलेगी DK को जगह
दिनेश कार्तिक के वर्ल्ड कप टीम में चयन पर उनके साथी रॉबिन उथप्पा ने कहा कि उनके साथ 'न्याय' हुआ है। कार्तिक के आंकड़े ऋषभ पंत से हर लिहाज में बेहतर हैं और मुख्य चयनकर्ता के मुताबिक"एक बेहतर कीपर और बेस्ट फिनिशर" होने की वजह से ऋषभ पंत की जगह DK को वर्ल्ड कप की ड्रीम टीम में शामिल किया गया है। जब कार्तिक को जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (घरेलू) ODI श्रृंखला में नहीं चुना गया तो क्रिकेट पंडितों को ऐसा लगा कि इनके विश्व कप टीम में शामिल होने का सपना कहीं सपना ही न रह जाए लेकिन निदहास ट्रॉफी की जीत में भूमिका और न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल खेली एक से बढ़कर एक पारी ने कार्तिक के सपनों में पंख लगा दिया। प्लेइंग-11 में कार्तिक को "धोनी के चोटिल होने या फिर बेस्ट टीम कॉम्बिनेशन की स्थिति में चुने जाएंगे। प्रसाद के मुताबिक नंबर-4 के लिए कार्तिक स्पेशलिस्ट खिलाड़ी नहीं हैं "।
शंकर की हुई विजय
विजय शंकर के चयन से जहां अंबाती रायडू का विश्व कप खेलने के सपने पर पूर्ण विराम लग गया वहीं इस युवा खिलाड़ी के करियर को एक नई दिशा मिल सकती है। मुख्य चयनकर्ता प्रसाद ने इन्हें "नंबर-4 का स्पेशलिस्ट खिलाड़ी बताया जिनके पास थ्री डाइमेंशनल कला है। इंग्लैंड के ओवरकास्ट कंडीशन में शंकर विकेट टू विकेट गेंदबाजी में माहिर हैं और विकेट भी चटकाते हैं, स्ट्राइक रोटेट करने में माहिर विजय जरूरत के हिसाब से लंबे-लंबे शॉर्ट भी खेल पाते हैं और एक शानदार फील्डर होना इनके पक्ष में गया। चयनकर्ता ने इन्हें नंबर-4 का विकल्प बताया है और इनकी जगह टीम के प्लेइंग-11 में तय मानी जा रही है लेकिन अंतिम फैसला टीम मैनजेमेंट को लेना होगा कि ये विश्व कप में कहां खेलेंगे।