अब तक एक बार ही ICC खिताब में संयुक्त विजेता हुए हैं-
भारतीय टीम ने अपने क्रिकेट इतिहास में 5 बार आईसीसी खिताब अपने नाम किया है और टीम इंडिया छठी ट्रॉफी जीतने के लिए साउथैप्टन में कोशिश करेगी। पहला आईसीसी विश्व कप पहला खिताब 1983 में आया जब कपिल देव की कप्तानी में भारत ने अपना पहला एकदिवसीय विश्व कप जीता था। इसके बाद आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2002 में भी भारत को जीत मिली। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2002 काफी खास है क्योंकि यह अभी तक की एकमात्र ऐसी आईसीसी ट्रॉफी है जिसमें संयुक्त विजेता घोषित किए गए थे। यह सौरव गांगुली की कप्तानी में खेली गई थी और भारत व श्रीलंका को संयुक्त तौर पर विजेता घोषित किया गया था। इस मैच में भी बारिश ने अपना कहर बरपाया था। इस मुकाबले को दो बार कराने की कोशिश की गई लेकिन बारिश के चलते दोनों ही बार यह धुल गया था। इस मैच में जबकि 110 ओवर का खेल हो चुका था।
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संयुक्त विजेता का कॉन्सेप्ट क्या सही है?
इसके बाद बारी आती है आईसीसी T20 वर्ल्ड कप 2007 की जो धोनी की कप्तानी में भारत ने जीता। पाकिस्तान को हराकर जीता गया यह खिताब तीसरी आईसीसी ट्रॉफी के तौर पर भारत ने हासिल किया था। उसके बाद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ही 2011 का एकदिवसीय विश्व कप जीता गया। भारत को पांचवा और उसका अंतिम आईसीसी टाइटल भी धोनी ने जिताया है जो कि 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान आया था। तब से लेकर अभी तक भारत के पास आईसीसी का कोई भी खिताब नहीं आया है। अब सवाल ये है कि क्या आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप जैसी सबसे कड़ी और लंबी प्रतियोगिता में संयुक्त विजेता की अवधारणा क्या सही है?
दो साल लंबी प्रतियोगिता, फिर भी संयुक्त विजेता-
इस बारे में भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी साफ तौर पर बताया है कि एक टीम 2 साल लगातार मेहनत करती है और वह अपनी जमीन के साथ-साथ विदेशी परिस्थितियों में भी जीतते हुए आती है तभी वह फाइनल में खेलने की हकदार बनती है लेकिन फिर भी किसी वजह से अगर मैच ड्रा होता है तो आपको संयुक्त विजेताओं से ही काम चलाना पड़ेगा। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर ब्रैड हॉग ने भी ऐसी ही राय जताई थी। उन्होंने संयुक्त विजेता की अवधारणा को बेवकूफाना करार दिया था। दरअसल आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप अन्य प्रारूप में होने वाले विश्वकप की तरह नहीं है जो डेढ़-दो महीने चलते है बल्कि यह टेस्ट फॉर्मेट में होने के कारण दुनिया के सभी भागों में खेली जाती है। इसमें सभी टीमों को एक दूसरे से खेलने के अंक मिलते हैं जिनमें सर्वोच्च अंक वाली दो टीमें फाइनल में पहुंचती है। जाहिर है इतनी जद्दोजहद करने के बाद जब कोई टीम पहुंचती है तो तो खासकर फैंस एक ही विजेता को देखना चाहते हैं।
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संयुक्त विजेताओं में किसके पास रहेगी आईसीसी की ट्रॉफी?
अब सवाल यह उठता है अगर बारिश के चलते साउथहैंपटन में आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का पहला संस्करण ड्रा में तब्दील होता है तो भारत और न्यूजीलैंड को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया जाएगा लेकिन ट्रॉफी किसके पास रहेगी? तो हम आपको बता दें आईसीसी की प्रतियोगिताओं में ओरिजिनल ट्रॉफी विजेता टीम के पास नहीं रहती है।ओरिजिनल ट्रॉफी को हमेशा आईसीसी अपने पास रखता है क्योंकि यह कई बार उसका वैश्विक चेहरा भी होती है जबकि जीतने वाली टीमों को बिल्कुल वैसी ही डुप्लीकेट ट्रॉफी दे दी जाती है और वह विजेता टीम के पास परमानेंट रहती है। आईसीसी के पास जो ओरिजिनल ट्रॉफी होती है उसमें लिखावट अलग होती है और विजेताओं को जो ट्रॉफी दी जाती है उसमें टीम के हिसाब से अलग लिखावट होती है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है अगर भारत और न्यूजीलैंड संयुक्त विजेता के तौर पर उभरते हैं तो इन दोनों को 1-1 डुप्लीकेट ट्रॉफी दे दी जाएगी और ओरिजिनल ट्रॉफी आईसीसी अपने पास रखेगा।