ऋषि धवन (Rishi Dhawan)
इस फेहरिस्त में पहला नाम हिमाचल प्रदेश के कप्तान ऋषि धवन का आता है, जिनके शानदार प्रदर्शन के दम पर पहली बार हिमाचल प्रदेश की टीम ने विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब जीता है। ऋषि धवन ने साल 2016 में एमसीजी के मैदान पर अपना डेब्यू किया था और 3 वनडे और एक टी20 मैचों में भारत के लिये शिरकत कर चुके हैं। ऋषि धवन ने इस साल खेले गये विजय हजारे ट्रॉफी में 8 मैच खेलकर 458 रनों का योगदान दिया और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बने। इस दौरान शिखर धवन की बल्लेबाजी का औसत 76.33 का रहा और वो मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए कई बार टीम के लिये मैच जिताऊ पारियां खेलते नजर आये। इतना ही नहीं वह गेंदबाजी में भी काफी शानदार रहे और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने। धवन ने 17 विकेट अपने नाम किये। भारतीय टीम में फिलहाल हार्दिक पांड्या का रिप्लेसमेंट ढूंढा जा रहा है, ऐसे में ऋषि धवन उनकी जगह ले सकते हैं और इसे देखते हुए साउथ अफ्रीका दौरे पर उन्हें मौका दिया जा सकता था।
आवेश खान (Avesh Khan)
इंडियन प्रीमियर लीग के 14वें सीजन में दिल्ली कैपिटल्स के लिये आवेश खान ने शानदार गेंदबाजी कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। वह आईपीएल में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बनने के साथ ही एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले दूसरे अनकैप्ड भारतीय बनें। ऐसे में जब मोहम्मद सीरीज को आराम दिया गया तो आवेश खान को भी टीम में शामिल करने की बात की जा रही थी, हालांकि चयनकर्ताओं ने मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा को टीम में उनकी जगह मौका दिया। आवेश खान ने आईपीएल के 25 मैचों में 29 विकेट हासिल किये थे और न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में डेब्यू का मौका मिला था लेकिन प्लेइंग 11 में जगह नहीं मिली। आवेश खान ने नई गेंद को स्विंग करा सकते हैं और डेथ ओवर्स में भी अच्छी गेंदबाजी करने का दम रखते हैं। उनके पास लगातार 140 की गति से गेंद फेंकने की क्षमता है, तो गेंद के साथ लेग और ऑफ कटर फेंकने की काबिलियत है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि वो टीम में जगह बनाने के हकदार थे।
शाहरुख खान (Shahrukh Khan)
साउथ अफ्रीका दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम में जिस खिलाड़ी को जगह मिलनी चाहिये थी उसमें अगला नाम शाहरुख खान का है। भारतीय टीम लंबे समय से एक फिनिशर की तलाश कर रही है और 2023 के वनडे विश्वकप को देखते हुए वह ऐसे खिलाड़ी पर दांव लगाना चाहेगी जो लंबे समय तक यह रोल निभा सके। विजय हजारे ट्रॉफी 2021 के दौरान शाहरुख खान को यह जिम्मेदारी तमिलनाडु की टीम के लिये मिली थी। मध्यक्रम में तेजी से रन बनाने उनकी काबिलियत उन्हें टीम के लिये काफी अहम बनाती है। विजय हजारे ट्रॉफी में कर्नाटक के खिलाफ उनकी 39 गेंदों में 79 रनों की पारी ने सेमीफाइनल में पहुंचाया था। वहीं मुंबई के खिलाफ पहले मैच में 35 गेंदों मे 66 रनों की विस्फोटक पारी से अपनी टीम को जीत दिलाई।
वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में तमिलनाडु की टीम को जीत दिलाने में भी शाहरुख खान ने अहम भूमिका निभाई। वह जिस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं उससे साफ है कि उन्हें बहुत जल्द ही भारतीय टीम में जगह दी जा सकती है। ऐसे में साउथ अफ्रीका दौरे पर उन्हें मौका दिया जा सकता था।
रवि बिश्नोई (Ravi Bishnoi)
इस फेहरिस्त में अगला नाम बायें हाथ के स्पिनर रवि बिश्नोई का है जिन्होंने अंडर-19 विश्वकप 2020 में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करते हुए आईपीएल का अपना करार हासिल किया और पंजाब किंग्स की टीम का हिस्सा बने। पिछले दो सीजन में रवि बिश्नोई ने शानदार प्रदर्शन किया और यही वजह रही कि उन्हें पंजाब की टीम ने आईपीएल 2022 के लिये रिटेन भी किया है। रवि बिश्नोई काफी युवा और वैरिएशन वाले गेंदबाज हैं, जिनकी गेंदों से अंजान साउथ अफ्रीकी टीम के लिये वह बड़ा खतरा बन सकते थे। पिछली बार जब भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका का दौरा किया था तो कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के साथ तबरेज शम्सी जैसे कलाई स्पिनर्स का सिक्का चला था। ऐसे में रवि बिश्नोई को मौका मिलता तो वो युजवेंद्र चहल के साथ शानदार रोल निभा सकते थे। 21 साल के रवि बिश्नोई ने अपनी गेंदबाजी से लगातार प्रभावित किया है। ऐसे में उन्हें जल्द ही भारतीय टीम की कैप मिल सकती है।
हर्षल पटेल (Harshal Patel)
न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई टी20 सीरीज में डेब्यू करने वाले हर्षल पटेल इस लिस्ट में आखिरी नाम है जिन्हें साउथ अफ्रीका दौरे पर मौका दिया जा सकता था। हर्षल पटेल ने पिछले एक साल में अपनी गेंदबाजी से काफी प्रभावित किया है। आईपीएल 2021 में दिल्ली के खेमे से आरसीबी पहुंचे हर्षल ने 32 विकेट हासिल कर एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने के रिकॉर्ड की बराबरी की तो वहीं पर सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले अनकैप्ड भारतीय बने। वह मुंबई के खिलाफ 5 विकेट हॉल लेने वाले पहले गेंदबाज बने तो आरसीबी के लिये हैट्रिक चटकाने की उपलब्धि भी अपने नाम की।
जब न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्हें डेब्यू का मौका मिला तो उन्होंने पहले ही मैच में मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड अपने नाम किया। ऐसे में भारतीय टीम वनडे प्रारूप में भी उनकी काबिलियत का फायदा उठा सकती है। वह गति में अलग-अलग वैरिएशन फेंक कर साउथ अफ्रीका में भी टीम के लिये सफलता हासिल कर सकते थे।