कामरान खान (Kamran Khan)
आईपीएल के इतिहास में पहला सुपर ओवर साल 2009 में हुआ था, जब राजस्थान रॉयल्स की टीम ने शानदार अंदाज के कोलकाता नाइट राइडर्स के मुंह से जीत छीनी थी। राजस्थान रॉयल्स के लिये यह सुपर ओवर जिस गेंदबाज ने डाला था उसका नाम है कामरान खान। कामरान खान अपने अलग तरह के एक्शन, स्विंग गेंदबाजी और यॉर्कर डालने की क्षमता के चलते उस सीजन में मशहूर हुए थे।
हालांकि जल्द ही उनके एक्शन पर सवाल उठने लगे जिसके बाद राजस्थान रॉयल्स की टीम ने उन्हें एक्शन सुधार के लिये ऑस्ट्रेलिया भेज दिया। उसके बाद वह दोबारा कभी भी उस अंदाज में गेंदबाजी करने में सफल नहीं हो सके। आखिरी बार साल 2011 मे वह पुणे वॉरियर्स के लिये आईपीएल में खेलते नजर आये थे।
जिसके बाद 2012 में उन्हें गेंहूं के खेत में मजदूरी करते हुए देखा गया था। उनकी इस हालत पर शेन वार्न (2009 में आरआर कप्तान) ने दुख भी जताया था। कामरान अभी हैदराबाद में एक स्थानीय क्लब के लिये खेलते हैं।
अभिषेक नायर (Abhishek Nayar)
आईपीएल 2019 में कोलकाता नाइट राइडर्स के मेंटर रहे अभिषेक नायर ने हाल ही में क्रिकेट के हर फॉर्मेट से संन्यास लिया था। केकेआर के कप्तान दिनेश कार्तिक अपने करियर को फिर से जीवित करने के लिये अभिषेक नायर को ही श्रेय देते हैं। कोचिंग में सफल भूमिका निभाने वाले अभिषेक नायर का बतौर क्रिकेटर के रूप में करियर एक भूली हुई कहानी से कम नहीं है।
आईपीएल के पहले 2 सीजन में शानदार प्रदर्शन करने वाले अभिषेक नायर अगले तीन सीजन में प्रदर्शन दोहरा पाने में नाकाम रहे। अभिषेक नायर ने आईपीएल के पहले सीजन मे 206 रन बनाए थे तो दूसरे सीजन में 193 और दोनों ही सत्रों में उनका स्ट्राइक रेट 125 से ऊपर थी।
साल 2010 में, उन्हें 10 मैच में खेलने का मौका मिला लेकिन इस दौरान वह सिर्फ 61 रन बना सके, जबकि 2013 में, वह 11 मैचों में केवल 66 रन ही बना सके। प्रदर्शन कर पाने में नाकाम रहे अभिषेक नायर उसके बाद एक क्रिकेटर के रूप में कभी भी वापसी नहीं कर पाये।
प्रदीप सांगवान (Pradeep Sangwan)
17 साल की उम्र में दुनिया भर के क्रिकेटर्स की नजर खुद पर लाने वाले प्रदीप सांगवान के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। साल 2008 में हुए अंडर 19 विश्व कप में इस भारतीय गेंदबाज ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 44 रन देकर 5 विकेट झटके जिसके बाद सभी टीमों की नजर इस खिलाड़ी पर पड़ी। आईपीएल के दूसरे सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने प्रदीम को अपनी टीम से मौका दिया जिसमें सांगवान ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 13 मैचों में 15 विकेट झटकने का काम किया था। साल 2010 में वह अपने उस प्रदर्शन को दोहरा पाने में नाकाम रहे।
2013 में, उन्हें बैन पदार्थों का सेवन करने के लिये पॉजिटिव पाया गया और 18 महीने के लिये बैन कर दिया गया जिसके बाद वह क्रिकेट के मैदान पर वापसी कर पाने में नाकाम रहे।
सौरभ तिवारी (Saurabh Tiwary)
साल 2010 में मुंबई इंडियंस की टीम ने सौरभ तिवारी को अपनी टीम की ओर से खेलने का मौका दिया। एमएस धोनी की तरह हेयरस्टाइल रखने वाले इस बल्लेबाज का अंदाज भी कुछ उन्हीं से मिलता जुलता था। बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने 2010 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 16 मैचों में उनके 419 रन बनाये और मुंबई इंडियंस को फाइनल तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
हालांकि, सौरभ तिवारी की ओर से खेला गया यह एकमात्र सफल सीजन था, जिसे वह अगले 6 सीजन में दोहरा पाने में नाकाम रहे। वह अगले छह सत्रों में 58 मैचों में केवल 818 रन ही बना सके।
हालांकि, वह अभी भी केवल 29 हैं और उनके पास वापसी करने का मौका है। लेकिन 2010 के अंदाज में वापसी करने के लिये उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी।
पॉल वॉल्थटी (Paul valthaty)
साल 2011 में किंग्स इलेवन पंजाब के लिये बल्लेबाजी करने उतरे पॉल वाल्थाटी के लिये यह सीजन किसी सपने के सच होने जैसा था। दायें हाथ के इस बल्लेबाज ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ डेब्यू करते हुए 63 गेंदों में 120 रनों की पारी खेली और इस सीजन 483 रन बनाये। वह आईपीएल के इतिहास में छठे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए।
हालांकि इस सीजन के बाद उनके प्रदर्शन में तभी से गिरावट आ गई। 2012 में, वह 6 मैचों में केवल 30 रन बना सके। 2013 में वह सिर्फ एक मैच खेल पाये जिसमें उन्होंने 6 रन बनाए। हालांकि उनकी प्रतिभा अच्छे बल्लेबाजों के बराबर थी, लेकिन नियमित अंतराल पर चोटों ने उनकी कभी वापसी नहीं करने दी।
फिलहाल वह एयर इंडिया की क्रिकेट टीम के लिए खेल रहे हैं, जहां उन्हें स्पोर्ट्स कोटा के तहत नियुक्त किया गया था।