कप्तान धोनी और गौतम गंभीर
तब लंबे बालों में नजर आने वाले धोनी ने बाद में भारतीय टेस्ट टीम की कमान भी अनिल कुंबले से ले ली थी और बाद में उनकी कप्तानी में भारत ने 2011 का वनडे विश्व कप जीता। धोनी टेस्ट क्रिकेट से साल 2015 में रिटायर हो गए और इस समय वे क्रिकेट से दूर चल रहे हैं। हालांकि अभी धोनी ने औपचारिक तौर पर वनडे और टी-20 क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा नहीं की है। वहीं गौतम गंभीर ने फाइनल मुकाबले में 75 रन बनाए थे और 2011 विश्व कप की जीत में भी शानदार योगदान दिया था। गंभीर क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं और भाजपा का दामन थाम कर राजनीति की पारी शुरू कर चुके हैं। वे वर्तमान में ईस्ट दिल्ली से सांसद हैं।
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सहवाग और युवराज सिंह
सहवाग फाइनल मैच में नहीं खेले थे लेकिन कुछ मैचों में उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। आजकल सहवाग टीवी विशेषज्ञ के अलावा कॉलम लिखने का काम करते हैं और साथ ही बिजनेस में भी किस्मत आजमा रहे हैं। सहवाग का दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में स्कूल भी है।
युवराज सिंह के लिए यह विश्व कप इंग्लैंड के खिलाफ 6 गेंदों पर 6 छ्क्के मारने के कारण सबसे खास कहा जा सकता है। स्टुअर्ट ब्रॉर्ड के एक ओवर में सभी गेंदों को छ्क्के के लिए भेजने वाला यह बल्लेबाज बाद में 2011 विश्व कप में मैन ऑफ द सीरीज बना था। युवराज ने विश्व कप 2019 के दौरान क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।
रॉबिन उथप्पा और दिनेश कार्तिक
धोनी की युवा ब्रिगेड में उथप्पा का नाम काफी चर्चित रहा है। लेकिन वे समय के साथ इंटरनेशनल क्रिकेट से गायब होते गए और आईपीएल में ही नजर आने लगे। फिलहाल वे केरला में सफेद गेंद क्रिकेट में टीम को लीड कर रहे हैं।
दिनेश कार्तिक की बात करें तो उस विश्व कप में कार्तिक कभी-कभी नजर आए थे और बाद में इंटरनेशनल क्रिकेट में भी उन्होंने अच्छा काम किया। विश्व कप 2019 में टीम इंडिया का हिस्सा बने कार्तिक आजकल आईपीएल में केकेआर को लीड कर रहे हैं लेकिन उन्होंने टीम इंडिया में अपनी जगह कभी भी पक्की नहीं की।
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पठान बंधु
इरफान पठान उस समय प्रतियोगिता में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बनकर उभरे थे। उन्होंने कुछ 10 विकेट लिए थे लेकिन बाद में इस गेंदबाज को चोटों ने काफी परेशान किया जिसके चलते उनका इंटरनेशनल करियर काफी प्रभावित हुआ। वे फिलहाल जूम्म-कश्मीर की रणजी टीम को कोचिंग दे रहे हैं और टीम पर क्रिकेट एक्सपर्ट के तौर पर भी नजर आते हैं। उनके भाई यूसुफ पठान को फाइनल मैच में चोटिल सहवाग के स्थान पर खेलने का मौका मिला था। यूसुफ का इंटरनेशनल करियर ज्यादा लंबा नहीं खिंच पाया लेकिन उन्होंने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स, केकेआर, सनराइजर्स हैदराबाद जैसी टीमों के साथ खेलना जारी रखा है।
अजीत अगरकर, हरभजन सिंह, आरपी सिंह-
अगरकर ने अपने करियर की संध्या में यह टूर्नामेंट खेला था। आज वह क्रिकेट पर कॉलम लिखते हैं और टीवी पर खेल विश्लेषक के तौर पर भी नजर आते हैं। वहीं, हरभजन सिंह ने अभी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा नहीं की है। ये खिलाड़ी आईपीएल में चैन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलता है। टेस्ट मैचों में 400 से ज्यादा विकेट लेने वाले हरभजन को आर अश्विन से कड़ी चुनौती मिली और वे टीम इंडिया से बाहर हो गए।
आरपी सिंह इस टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। लेकिन उसके बाद से उनका करियर उस तरह से नहीं चमका जैसा कि उम्मीद थी। उन्होंने इसी साल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और कभी कभार वे मैचों के दौरान कमेंट्री करते हुए नजर आते हैं।
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रोहित शर्मा, श्रीसंथ और जोगिंदर शर्मा-
रोहित उस समय काफी युवा थे लेकिन उन्होंने अर्धशतक लगाकर अपनी क्षमताओं की झलक दिखाई थी। तब से अब तक रोहित ने लंबा सफर तय किया है और वे इस समय टीम इंडिया में सफेद बॉल क्रिकेट में भारत के उपकप्तान बने हुए हैं। वहीं, श्रीसंथ का करियर काफी विवादापस्द रहा। टी20 विश्व कप के बाद साल 2011 के वनडे विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने वाला ये तेज गेंदबाज 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में फंस गया जिसके चलते उन पर लाइफ बैन लगाया गया जो हाल ही में हटाया गया है लेकिन श्रीसंथ की क्रिकेट खेलने की उम्र बीत चुकी है। उन्होंने भाजपा के टिकट पर केरल विधानसभा का भी चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इस दौरान वे रियलिटी शो और डांस शो में भी नजर आए।
जोगिंदर शर्मा को कौन भूल सकता है जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल ओवर में टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। उनको बाद में कुछ मौके मिले जिनको वे ज्यादा भुना नहीं सके। घरेलू क्रिकेट खेलने के बाद जोगिंदर ने हाल ही में क्रिकेट को अलविदा कह दिया है।