कारगिल में लड़ने के लिये ठुकराये 175000 पाउंड
शोएब अख्तर ने पाकिस्तान के समाचार चैनल एआरवाई न्यूज को दिए गए इंटरव्यू में कहा, ‘लोग शायद ही इस कहानी को जानते हों। मेरे पास नॉटिंघम का 175,000 पाउंड के कांट्रैक्ट का प्रस्ताव था। फिर 2002 में मेरे पास एक और बड़ा अनुबंध था। जब कारगिल हुआ तो मैंने दोनों प्रस्ताव ठुकरा दिए थे।'
दो बार छोड़ा काउंंटी क्रिकेट
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं लाहौर की बाहरी सीमा पर था। एक जनरल ने मुझसे पूछा कि मैं यहां क्या कर रहा हूं। मैंने कहा कि युद्ध शुरू होने वाला है और हम लोग एक साथ मरेंगे। मैंने काउंटी क्रिकेट को दो बार छोड़ा और काउंटी इससे हैरान थीं। मैं इससे चिंतित नहीं था। मैंने कश्मीर में अपने दोस्तों को फोन किया और कहा कि मैं लड़ाई के लिए तैयार हूं।'
खेल और राजनीति को रखना चाहिये अलग
गौरतलबब है कि शोएब अख्तर ने कई मौकों पर कहा है कि खेल और राजनीति को अलग-अलग रखना चाहिए। उन्होंने कई बार कहा है कि दोनों देशों के बीच मैदान पर बेशक कड़ी टक्कर होती हो लेकिन मैदान के बाहर खिलाड़ी अच्छे दोस्त बनकर रहते हैं।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस की मुश्किल घड़ी में शोएब अख्तर ने कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच सीरीज कराने की भी बात कही थी। उनके पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने अख्तर का समर्थन किया था तो भारत के विश्व विजेता कप्तान कपिल देव ने कहा था कि यह तो विकल्प ही नहीं है।