तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts
 

जब डिप्रेशन के चलते सुसाइड करना चाहते थे रॉबिन उथप्पा, बताया किस चीज से मिली मदद

Robin Uthappa opens up on Clinical depression and Suicidal thoughts in live chat | वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के लिये 2007 टी20 विश्व कप में खिताबी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने अपने करियर के उस दौर का खुलासा किया है जब वह आत्महत्या करने के बारे में सोच रहे थे। आईपीएल की फ्रैंचाइजी राजस्थान रॉयल्स के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर लाइव चैट करते हुए रॉबिन उथप्पा ने खुलासा किया कि वह 2009 से 2011 के बीच 2 सालों तक गंभीर डिप्रेशन का शिकार रहे जिसके चलते उनके मन में कई बार आत्महत्या करने का विचार आया।

और पढ़ें: भारत के खिलाफ अब्दुल्ल रज्जाक ने की हद पार, विश्व कप की हार पर जानें क्या बोले

उल्लेखनीय है कि रॉबिन उथप्पा भारत के लिये अब तक 46 वनडे और 13 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं और 2007 में पहला टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का मुख्य हिस्सा भी रहे। पिछले सीजन तक आईपीएल में केकेआर की टीम का अहम हिस्सा रहे रॉबिन उथप्पा को फ्रैंचाइजी ने इस सीजन रिलीज कर दिया था जिसके बाद राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 3 करोड़ में अपने साथ जोड़ा।

और पढ़ें: इयोन मोर्गन से कप्तानी छीनकर इस खिलाड़ी को देना चाहते हैं एंड्रयू फ्लिंटॉफ

मन में आता था बालकनी से कूदने का ख्याल

मन में आता था बालकनी से कूदने का ख्याल

अपने डिप्रेशन के दिनों के बारे में बात करते हुए रॉबिन उथप्पा ने बताया कि उस दौरान कई बार उनके मन में ख्याल आया कि वह बालकनी से छलांग मार दें लेकिन तब शायद क्रिकेट ही एक ऐसी चीज थी जिसने उन्हें रोके रखा।

उन्होंने कहा,'मुझे याद है 2009 से 2011 के बीच यह लगातार हो रहा था। मुझे रोज इसका सामना करना पड़ता था। मैं उस समय क्रिकेट के बारे में सोच भी नहीं रहा था। मैं सोचता था कि इस दिन कैसे रहूंगा और अगला दिन कैसा होगा। मेरे जीवन में क्या हो रहा है और मैं किस दिशा में आगे जा रहा हूं। क्रिकेट ने इन बातों को मेरे जेहन से निकाला। मैच से इतर दिनों या ऑफ सीजन में बड़ी दिक्कत होती थी। मैं उन दिनों इधर-उधर बैठकर यही सोचता रहता था कि मैं दौड़कर जाऊं और बालकनी से कूद जाऊं, लेकिन किसी चीज ने मुझे रोके रखा।'

डायरी लिखने से मिली मदद, आया बदलाव

डायरी लिखने से मिली मदद, आया बदलाव

रॉबिन उथप्पा ने आगे बताया कि इसके बाद उन्होंने डिप्रेशन से निपटने के लिये डायरी लिखना शुरू किया जिसके चलते उनके जीवन में काफी बदलाव आया।

उन्होंने कहा, 'मैंने एक इंसान के तौर पर खुद को समझने की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद बाहरी मदद ली ताकि अपने जीवन में बदलाव ला सकूं।'

करियर में काफी बुरे दौर से गुजर चुके हैं उथप्पा

करियर में काफी बुरे दौर से गुजर चुके हैं उथप्पा

गौरतलब है कि इसके बाद रॉबिन उथप्पा को ऑस्ट्रेलिया में भारत ए की कप्तानी का मौका मिला हालांकि इसके बावजूद भी उनका चयन भारतीय टीम में नहीं हो सका। इसके बाद 2014-15 रणजी सीजन में उथप्पा ने सर्वाधिक रन बनाए।

उन्होंने कहा, 'पता नहीं क्यों, मैं कितनी भी मेहनत कर रहा था लेकिन रन नहीं बन रहे थे। मैं यह मानने को तैयार नहीं था कि मेरे साथ कोई समस्या है। हम कई बार स्वीकार नहीं करना चाहते कि कोई मानसिक परेशानी है।'

आपको बता दें कि रॉबिन उथप्पा ने अभी तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा नहीं कहा है और अभी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की आस रखते हैं। इस बीच उन्होंने कहा कि जीवन में बुरे दौर का जिस तरह उन्होंने सामना किया, उन्हें कोई खेद नहीं है।

Story first published: Saturday, June 6, 2020, 6:28 [IST]
Other articles published on Jun 6, 2020
POLLS
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Yes No
Settings X