आंधी ने रोका खेल, रिवाइज्ड स्कोर ने बिगाड़ा समीकरण
कोका-कोला कप के इस मैच में जहां ऑस्ट्रेलिया की टीम को हार या जीत से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था वहीं भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचने के लिये इस मैच में जीत जरूरी थी और अगर जीत नहीं मिल पाती तो नेट रन रेट को बरकरार रखना जरूरी था। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए इस मैच में 7 विकेट खोकर 284 रन बनाये थे, जिसके बाद भारतीय टीम को फाइनल में क्वालिफाई करने के लिये कम से कम 276 रन बनाने थे। सचिन तेंदुलकर की तूफानी पारी की वजह से भारत इस मैच में जीत की राह पर बरकरार था हालांकि मैच के दौरान रेतीला तूफान आने की वजह से खेल 25 मिनट तक रुक गया और भारतीय टीम का स्कोर रिवाइज्ड हो गया जिसने पूरा खेल बिगाड़ दिया।
सचिन तेंदुलकर की तूफानी पारी ने फाइनल में पहुंचाया
भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोटे से जहां 4 ओवरों की कटौती हुई वहीं ऑस्ट्रेलिया के कुल स्कोर से महज 8 रन ही घटाये गये थे। ऐसे में भारतीय टीम के लिये स्कोर थोड़ा मुश्किल हो गया, लेकिन फाइनल में पहुंचने के लिये भारतीय टीम को 46 ओवर्स में 237 रनों के आंकड़े को पार करना था।
भारतीय टीम की तरफ से सचिन तेंदुलकर ने धूल भरी आंधी का सामना करते हुए 131 गेंदों में 9 चौके और 5 छक्कों की मदद से 143 रनों की तूफानी पारी खेली। हालांकि वह 43वें ओवर की आखिरी गेंद पर 242 के कुल स्कोर पर आउट हो गये और भारतीय टीम अगले 3 ओवर में सिर्फ 8 रन ही बना सकी। भारतीय टीम भले ही इस मैच को हार गई लेकिन सचिन तेंदुलकर की तूफानी पारी ने भारत को फाइनल में पहुंचा दिया।
फाइनल में लिया हार का बदला, कंगारुओं को 6 विकेट से हराया
भारतीय टीम इस रोमांचक मैच में भले ही 26 रनों से हार गया हो लेकिन सचिन तेंदुलकर की पारी काम आई और टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को नेट रन रेट में पछाड़ते हुए फाइनल में जगह बना ली। भारतीय टीम ने फाइनल मैच में अपनी हार का बदला लिया और ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराकर कोका कोला कप अपने नाम किया। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में भी तूफानी पारी खेलते हुए एक और शतक लगाया और 134 रन बनाये। भारतीय टीम को इस मैच में जीत के लिये 273 रनों की दरकार थी जिसे उसने 4 विकेट खोकर 49वें ओवर में ही पूरा कर लिया।