सिंगापुर। एक बार फिर से सानिया मिर्जा ने स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस के साथ मिलकर देश के टेनिस प्रेमियों को एक अच्छी खबर दी है। भारत की टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा और स्विट्जरलैंड की टेनिस स्टार मार्टिना हिंगिस की टॉप सीडेड जोड़ी ने अपना विजय अभियान जारी रखते हुए रविवार को डब्ल्यूटीए फाइनल्स का डबल्स टाइटल अपने नाम कर लिया।
वर्ष 2015 की बेस्ट टीम
आपको बता दें कि सानिया और हिंगिस ने को 48 घंटे पहले ही यानी शुक्रवार को वर्ष 2015 की सर्वश्रेष्ठ युगल टीम चुना गया था। दोनों ने गार्बाइन मुरूगुजा और कार्ला सुआरेज नवारो की आठवीं वरीयता प्राप्त स्पेनिश जोड़ी को 66 मिनट तक चले मैच में 6-0, 6-3 से हराकर महिला युगल में अपनी बादशाहत कायम रखी।
सानिया और हिंगिस ने इस तरह से लगातार 22वीं जीत दर्ज की। पिछले छह टूर्नामेंट से उन्होंने कोई मैच नहीं गंवाया है। असल में सिनसिनाटीम में चान हाओ चिंग और चान युंग जान के हारने के बाद उन्होंने केवल दो सेट गंवाये हैं।
यूएस ओपेन से लेकर विंबलडन किया अपने नाम
इन दोनों खिलाड़ियों का यह वर्ष का नौवां खिताब है। उन्होंने इस साल इससे पहले इंडियन वेल्स, मियामी, चार्ल्सटन, विंबलडन, यूएस ओपन, ग्वांग्झू, वुहान और बीजिंग में खिताब जीते थे।
मार्च से सानिया और हिंगिस ने दस टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनायी जिनमें उन्हें केवल रोम ओपन में हार का सामना करना पड़ा था। सानिया डब्ल्यूटीए फाइनल्स में अपना खिताब बचाये रखने में भी सफल रही।
उन्होंने पिछले साल जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ मिलकर खिताब जीता था। हिंगिस का यह करियर का 50वां युगल और डब्ल्यूटीए फाइनल्स में तीसरा (इससे पहले 1999 और 2000) खिताब है। सानिया और हिंगिस ने इस टूर्नामेंट में एक भी सेट नहीं गंवाया और आसानी से जीत दर्ज की।
हिगिंस के नाम उपलब्धि
स्पेनिश जोड़ी ने दूसरे सेट में कुछ चुनौती पेश की लेकिन वे भारतीय-स्विस जोड़ी को ब्रेक प्वाइंट लेने और खिताब जीतने से नहीं रोक पायी। हिंगिस ने मैच के बाद जीत का श्रेय सानिया को दिया जो अभी महिला युगल में नंबर एक खिलाड़ी हैं।
हिंगिस दुनिया की 16वीं खिलाड़ी बन गयी है जिन्होंने 50 डब्ल्यूटीए युगल खिताब जीते। उनसे पहले मार्टिना नवरातिलोवा, रोसी कासेल्स, पाम श्राइवर, बिली जीन किंग, नताशा जेवेरेवा, लिसा रेमंड, याना नोवोत्ना, अरांत्सा सांचेज विकारियो, गिगी फर्नाडिस, हेलेना सुकोवा, लारिसा नीलैंड, कारा ब्लैक, रेनी स्टब्स, वेंडी टर्नबुल और लीजल ह्यूबर यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं।