दो सीजन तक नहीं मिला टीम में मौका
भुवनेश्वर कुमार को आईपीएल के शुरुआती दो सीजन में टीम की ओर से खेलने का मौका नही मिला, लगातार दो सीजन तक बेंच पर रहने के बाद आखिरकार उन्हें तीसरे सीजन में खेलने का मौका मिला। खुद नटराजन कहते हैं कि मुझे पता था कि मुझे मौका नहीं मिलेगा क्योंकि भुवनेश्वर कुमार, सिद्धार्ध कौल और खलील अहमद टीम के स्टार गेंदबाज थे। मैंने भुवी से सीखने की कोशिश की और अपनी अपनी इनस्विंग पर मुथैया मुरलीधरन सर के साथ काम किया। दूसरे सीजन में मुझे लगा कि मौका मिलेगा, लेकिन कोई बात नहीं, भुवी मुझसे कहते थे कि तुम्हारा मौका आएगा और तब तक शांत रहो और अपने खेल पर काम करते रहो।
पहली बार आईपीएल मैच खेलने का अनुभव
पहली बार जब नटराजन को खेलने का मौका मिला तो अपने अनुभव को साझा करते हुए नटराजन ने कहा कि मैं खुद को 100 फीसदी फिट रखना चाहता था, अगर भारत में मैंने अपना पहला मैच खेला होता तो शायद मैं दबाव में होता, दुबई में बिना दर्शकों के मैंने अपना पहला मैच खेला, मैंने ऐसे हालात में सबसे अच्छा करने की कोशिश की। जब आप अपना पहला मैच खेलते हैं तो आप थोड़ा नर्वस होते हैं, लेकिन मैंने अपना ध्यान टीम के लिए बेहतर खेलने पर लगाया।
खुद पर 100 फीसदी भरोसा, डाल सकता हूं यॉर्कर
शारजाह जैसे छोटे मैदान पर हार्दिक पांड्या और केरून पोलार्ड जैसे विस्फोटक बल्लेबाजों को गेंदबाजी करने के अपने अनुभव के बारे में नटराजन ने कहा कि मुझे पता था कि अगर मैंने लेंथ गड़बड़ की तो मुझे मार पड़ेगी, एक इंच की भी गलती होने पर ये बल्लेबाज मुझे मैदान से बाहर भेज देंगे, छोटे मैदान पर ऐसे बल्लेबाज अगर गलत शॉट भी खेलते हैं तो कभी-कभी वो छक्के के लिए चली जाती है, लिहाजा मैं अपनी लेंथ पर काम कर रहा था। मुझे इस बात का 100 फीसदी भरोसा था कि मैं यॉर्कर डाल सकता हूं, लेकिन अगर मैं गलती करता था तो मैं खुद को दोबारा फिर से यॉर्कर डालने के लिए प्रेरित करता था। यहां तक कि आखिरी वनडे में सैम करन ने मेरी पहली गेंद पर छक्का मारा लेकिन बाकी की पांच गेंदों को मैंने यॉर्कर फेंका।
धोनी के विकेट पर जश्न नहीं मनाया
आईपीएल में महेंद्र सिंह धोनी का विकेट लेने के अपने अनुभव के बारे में नटराजन ने कहा कि मैंने पहली गेंद स्लॉट पर डाल दी और धोनी ने उसे मैदान के बाहर पहुंचा दिया, यह बड़ा झक्का था,तकरीबन 102 मीटर का। अगली गेंद पर मैंने उनका विकेट ले लिया लेकिन मैंने उसका जश्न नहीं मनाया क्योंकि मैं इससे पहले की गेंद के बारे में सोच रहा था। ड्रेसिंग रूम में वापस आने के बाद मैं काफी खुश था। मैच खत्म होने के बाद मैंने धोनी के पास गया, उनसे बात की। धोनी जैसे खिलाड़ी से बात करना अपने आप में बड़ी बात है। उन्होंने मुझसे फिटनेस के बारे में बात की और मेरा उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कहा कि अनुभव के साथ मैं बेहतर होता जाउंगा। उन्होंने मुझे धीमी बाउंसर, कटर और गेंदबाजी मे विविधता लाने की सलाह दी। उनकी सलाह से मुझे काफी मदद मिली।