नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे दिग्गज बल्लेबाजों में शुमार टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के चयनकर्ताओं और अपनी कप्तानी को लेकर लिये गये निर्णय पर 40 साल बाद चुप्पी तोड़ी है। सुनील गावस्कर ने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए अपना दर्द साझा किया और कहा कि उन्हें आज तक यह बात समझ नहीं आयी कि आखिर किस कारण से बीसीसीआई ने उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज जीतने के बावजूद कप्तानी से हटाया।
उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम ने 1978-79 में सुनील गावस्कर की कप्तानी में वेस्टइंडीज के खिलाफ 6 मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से जीत दर्ज की थी। इस सीरीज के दौरान सुनील गावस्कर ने बल्लेबाजी करते हुए 700 से ज्यादा रन बनाये थे। बीसीसीआई ने वेस्टइंडीज के खिलाफ समाप्त हुई इस सीरीज के बाद सुनील गावस्कर को कप्तानी से हटाकर उनकी जगह एस. वेंकटराघवन को टीम की कमान सौंप दी थी।
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अंग्रेजी अखबार मिड-डे के अपने कॉलम में लिखते हुए सुनील गावस्कर ने कहा, 'वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद भी मुझे कप्तानी से हटा दिया गया था जबकि इस सीरीज में मैंने 700 से ज्यादा रन बनाए थे। मुझे अभी तक इसका कारण नहीं पता। लेकिन शायद मैं उस समय कैरी पैकर वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट से जुड़ने को तैयार था। इसलिए शायद हटा दिया गया हो। चयन से पहले मैंने बीसीसीआई के साथ करार किया और बताया कि मैं किसके लिए वफादार हूं।'
सुनील गावस्कर ने आगे लिखा कि चयनकर्ता टीम के दिग्गज स्पिनर और पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी को टीम से बाहर करना चाहती थी। उन्होंने बहुत जतन करके चयनकर्ताओं को उन्हें टीम में रखने के लिये मनाया था।
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उन्होंने लिखा, 'समिति ने फैसला किया था कि तीन मैचों के बाद वह बेदी को हटा देंगे। जब मैंने पाकिस्तान सीरीज के बाद कप्तान के तौर पर उनका स्थान लिया तभी समिति उन्हें हटाना चाहती थी। मैंने कहा कि वह अभी भी देश में बाएं हाथ के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं और इसलिए उन्होंने पहले टेस्ट मैच में उन्हें मौका दिया।'
गौरतलब है कि सुनील गावस्कर ने अपने करियर के दौरान भारत के लिये 125 टेस्ट मैच और 108 वनडे इंटरनैशनल मैचों में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने 10122 टेस्ट रन और 3092 वनडे रन बनाने का काम किया। आपको बता दें कि सुनील गावस्कर टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 10 हजार रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं।