100 साल बाद पेसर्स ने बजाया डंका
ईशांत, बुमराह और शमी की तिकड़ी ने साउथैम्पटन टेस्ट में इंग्लैंड की कमर तोड़ दी। एक समय इंग्लैंड की टीम 89-6 विकेट थे। सैम करन ने इंग्लैंड की डूबती नैया को पार लगाया। इस तिकड़ी के कहर ने पिछले 100 सालों में किसी भी मेहमान टीम के द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। भारतीय टीम के तेज गेंदबाजों ने 44.2 की स्ट्राइक रेट से इंग्लैंड के सभी विकेट चटकाए हैं। ज़िम्बाब्वे को छोड़कर एशिया के बाहर यह टीम इंडिया की पेस बैटरी का अब तक का बेस्ट प्रदर्शन है।
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82 साल बाद जुड़ा अनचाहा रिकॉर्ड
पहले दो टेस्ट जीतने वाली इंग्लैंड की टीम के नाम घरेलू मैदान पर एक अनचाहा रिकॉर्ड जुड़ गया। टीम इंडिया की धारदार गेंदबाजी की बदौलत एक समय इंग्लिश टीम महज 34 रन के स्कोर पर 4 विकेट गंवा चुकी थी। इंग्लैंड के क्रिकेट इतिहास में यह साल 1936 में लॉर्ड्स के मैदान पर हुआ था जब इससे कम स्कोर पर इंग्लैंड ने अपने चार विकेट गंवाए हों। इससे पहले उन्होंने साल 1971 में मैनचेस्टर के एक मुकाबले में टीम इंडिया के खिलाफ 41 रन के स्कोर पर चार विकेट गंवाए थे। घरेलू मैदान पर खेले गए मुकाबलों में 82 साल बाद इंग्लैंड की टीम ने अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया।
गेंदबाजों का पावर पंच परफॉरमेंस
इस श्रृंखला का सबसे बड़ा पॉजिटिव टीम इंडिया के सभी गेंदबाज रहे हैं। भारतीय क्रिकेट इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब टीम के 5 गेंदबाजों ने किसी श्रृंखला में 10 या उससे अधिक विकेट लिए हों। ईशांत शर्मा ने अब तक खेले गए मैचों में 13 वहीं जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या,आर अश्विन और मोहम्मद शमी ने 10-10 विकेट लिए हैं। पहले दो टेस्ट में चोट की वजह से शामिल न हो पाने वाले बुमराह औसत के मामले में बेस्ट गेंदबाज बनकर उभरे हैं जिन्होंने मौजूदा श्रृंखला में महज 16.80 की औसत से रन खर्च कर सभी विकेट चटकाए हैं।
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ईशांत की धारदार गेंदबाजी का कमाल
दो साल पहले तक टीम में अंदर-बाहर होने वाले ईशांत शर्मा अपनी स्विंग की वजह से हाल के दौरे में टीम इंडिया के सबसे बेस्ट गेंदबाज बन चुके हैं। वो भारत के 7वें ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होंने 250 या उससे विकेट चटकाए हैं। उन्होंने यह उपलब्धि महज 86 टेस्ट मैचों में हासिल की है। सबसे अधिक टेस्ट मैच खेलकर 250 विकेट लेने वालों की सूची में वो दूसरे नंबर पर हैं। दक्षिण अफ्रीका के ऑल राउंडर जैक्स कालिस ने 127 टेस्ट मैचों में यह उपलब्धि हासिल की थी। भारतीय तेज गेंदबाजों की सूची में जहीर खान ने सबसे कम 73 टेस्ट मैचों में 250 विकेट झटके हैं।
45 महीने बाद कोहली ने पहली बार नहीं किया वो जो 37 टेस्ट में करते आए
45 टेस्ट बाद नहीं बदली टीम इंडिया
साल 2014 में टीम इंडिया ने आखिरी बार बिना किसी बदलाव के दो टेस्ट मैच खेले थे। यह टेस्ट मैच भी इंग्लैंड में ही खेला गया था। ट्रेंटब्रिज और लॉर्ड्स में टीम इंडिया ने टीम में कोई बदलाव नहीं किया था। चार साल पहले साउथैम्पटन टेस्ट में टीम इंडिया नेबदलाव किया था और तब से अब तक कुल 45 टेस्ट मैच खेले जिसमें हर एक टेस्ट में बदलाव किया गया। विराट कोहली ने इस दौरान 38 टेस्ट मैच खेले और हर टेस्ट में बदलाव किया लेकिन मौजूदा टेस्ट मैच में उन्होंने बिना किसी बदलाव के उतरने का फैसला किया।
इंग्लैंड के टॉप-4 हुए बेकार
मौजूदा श्रृंखला में इंग्लैंड के टॉप-4 बल्लेबाज बुरी तरह फ्लॉप हुए हैं। इंग्लैंड के टॉप-चार बल्लेबाजों ने दो या दो से अधिक मैचों की श्रृंखला में सबसे खराब प्रदर्शन किया है। पिछली 24 पारियों में इनके टॉप-4 ने 17.70 की औसत से महज 425 रन बनाये हैं। जिसमें सिर्फ एक अर्धशतक शामिल है। इंग्लैंड के कप्तान जो रूट को छोड़कर सभी बल्लेबाजों का औसत 20 से भी कम है। रूट ने पहले टेस्ट की पहली पारी में 80 और बांकी पांच पारियों में कुल 66 रन जोड़े हैं।
सैम करन : छोटा पैकेट, बड़ा धमाका
20 वर्षीय सैम करन ने जिस तरह टेलेंडर्स बल्लेबाजों के साथ मिलकर शानदार बल्लेबाजी की है उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। वो इंग्लैंड की ओर से दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। जिस तरह उन्होंने टीम इंडिया के गेंदबाजों की धुनाई की वह उनके इंटरनेशनल एक्सपोजर से कहीं अधिक है। तीन टेस्ट की चार पारियों में उन्होंने दो बार टीम को ख़राब स्थिति से मजबूत स्थिति में पहुंचाया जिसमें उनके दो शानदार अर्धशतक शामिल हैं और उन्होंने दो बार 20 रनों का आंकड़ा भी पार किया। इस टेस्ट मैच की पहली पारी में इस युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी ने पुछल्ले बल्लेबाजों संग मिलकर टॉप-6 बल्लेबाजों (71 रन) से अधिक रन बनाया। एक समय 89-6 विकेट खो चुकी इंग्लैंड की टीम को उन्होंने 78 रनों की शानदार पारी से 246 के स्कोर तक पहुंचाया। उन्होंने इंग्लैंड के दो ओपनर कुक और जेनिंग्स की 12 पारियों में बनाए कुल (191 रन) से भी अधिक रन बनाए हैं।
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