418 गेंदों का सामना करते हुए 335 रन
वार्नर ने इस पारी में 418 गेंदों का सामना करते हुए 335 रन बनाए और अंत तक आउट नहीं हुए। इस दौरान उन्होंने 39 चौकों और 1 छक्के के साथ कुल 40 बाउंड्री लगाई। उनकी इस पारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट के नुकसान पर 589 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। वार्नर के अलावा मार्नस लाबुसेन भी 169 रनों का योगदान दिया। तिहरे शतक के साथ वार्नर ने ना केवल पिंक बॉल टेस्ट इतिहास में सबसे बड़ी पारी खेलने का पाकिस्तानी बल्लेबाज अजहर अली का रिकॉर्ड तोड़ दिया बल्कि वह ऐसे पहले कंगारू ओपनर भी बन गए जिसने टेस्ट क्रिकेट में दो बार 250 रनों का स्कोर पार किया। पाकिस्तान के कप्तान अजहर अली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2016 दुबई में नाबाद 302 रनों की पारी खेली थी जो वार्नर ने पीछे छोड़ दी।
वार्नर ने लाबुशेन के साथ मिलकर पिंक बॉल से बनाया नया रिकॉर्ड
डे-नाइट टेस्ट में तीसरा शतक-
इसके साथ ही डेविड वार्नर ऐसे पांचवें कंगारू बल्लेबाज बन गए हैं जिसने टेस्ट में तिहरा शतक लगाया। उनसे पहले मैथ्य हेडन, मार्क टेलर, डॉन ब्रेडमैन और माइकल क्लार्क यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। मैथ्यू हेडन ने 2003 में पर्थ में जिम्बाब्वे के खिलाफ 380 रनों की पारी खेली थी जो किसी भी कंगारू बल्लेबाज का टेस्ट क्रिकेट में बनाया सर्वोच्च स्कोर है। दूसरे नंबर पर वार्नर की पारी आती है और तीसरे नंबर पर 334 नाबाद रनों के साथ मार्क टेलर का नाम है। टेलर ने 1998 में पेशावर में पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा किया था। महान ब्रेडमैन ने भी 1930 में इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में 334 रन बनाए थे। जबकि भारत के खिलाफ सिडनी टेस्ट में माइकल क्लार्क भी 329 रनों की नाबाद पारी खेल चुके हैं।
एक पारी , अनेक रिकॉर्ड
वार्नर पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा करने वाले दूसरे कंगारू बल्लेबाज बन गए हैं। इससे पहले मार्क टेलर ने 1998 में पाक के खिलाफ 334 रनों की नाबाद पारी खेली थी। जबकि ओवरऑल लेवल पर वे केवल ऐसे चौथे बल्लेबाज हैं जिसने पाकिस्तान के खिलाफ तिहरा शतक लगाया है। उनसे पहले गैरी सोबर्स (365 नाबाद), मार्क टेलर (334 नाबाद) और वीरेंद्र सहवाग (309) ऐसा कर चुके हैं। टेलर और सहवाग ने जहां पाकिस्तान की धरती पर ये कारनामा किया था तो वहीं सोबर्स ने 1958 में किंग्सटन में मैराथन पारी खेली थी।
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लाबुशेन के साथ साझेदारी का भी तिहरा शतक-
वार्नर के इस प्रदर्शन के साथ ही ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह से ड्राइविंग सीट पर जा चुका है और पहला टेस्ट हारने के बाद अब पाकिस्तान को कोई बेजोड़ प्रदर्शन ही इस टेस्ट में जीत दिला सकता है। वार्नर के शतक के अलावा एडिलेड टेस्ट उनके और मार्नस लाबुशेन के बीच हुई मैराथन साझेदारी के लिए भी याद किया जाएगा। इस मैच में लाबुशेन ने 162 रनों की पारी खेली और उन्होंने वार्नर के साथ मिलकर 361 रनों की पार्टनरशिप की। इससे पहले दोनों टीमों के बीच ब्रिसबेन में पहला टेस्ट हुआ था जिसमें पाकिस्तान को एक पारी और 5 रनों से हार झेलनी पड़ी थी। उस मैच में स्टॉर्क, कमिंस और हेजलवुड की पेस तिकड़ी ने पाक बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर दिया था। हालांकि दूसरी पारी में पाकिस्तान में अच्छा प्रतिरोध दिखाया था और बाबर आजम ने 104 रनों की चर्चित पारी खेली थी। इस पारी के बाद आजम के कवर ड्राइव की विराट कोहली से बड़ी लोकप्रिय तुलना की गई थी। फिलहाल एडिलेड टेस्ट में भी पाकिस्तान को आजम से एक और बड़ी पारी की दरकार है।